अयोध्या- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राम जन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन किया। पूरा देश राममय हो गया। वहीं कार्यक्रम के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत ही भावुक और गौरवपूर्ण पल था। बतौर सीएम मैंने उत्तर प्रदेश की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाली और इस कार्य को मैंने पिछले तीन सालों से बड़े नजदीक से महसूस किया है।
आखिर कौन लोग थे, जो अयोध्या में रामलला का मंदिर नहीं चाहते थे
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के ‘राम सबके हैं’ के बयान पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि
“राम सबके हैं, यह हम बहुत पहले से कहते आए हैं। यह सद्बुद्धि उस वक्त आनी चाहिए थी, जब यहां पर कुछ लोगों के पूर्वजों ने रामलला की मूर्तियों को हटाने की कोशिश की थी। आखिर कौन लोग थे, जो अयोध्या में रामलला का मंदिर नहीं चाहते थे।”
तीन पीढ़ियों से है राम मंदिर कनेक्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कनेक्शन राम मंदिर से काफी समय पहले से रहा है। गोरखनाथ मंदिर की तीन पीढ़ियां राम मंदिर आंदोलन से जुड़ी रहीं। राम मंदिर आंदोलन की बात आदित्यनाथ और उनके गुरू के बिना पूरा नहीं हो सकती है। मंदिर की लड़ाई में कई मौकों पर गोरखनाथ मंदिर ने अगुवाई की है। योगी आदित्यनाथ इसी मंदिर के महंत हैं। वे नाथ संप्रदाय के अगुआ माने जाते हैं जिसके अनुयायी देश भर में फैले हुए हैं।
क्या बोलीं थी प्रियंका गांधी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को कहा था कि भगवान राम सबमें हैं और सबके हैं। ऐसे में पांच अगस्त को अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए होने जा रहा भूमि पूजन राष्ट्रीय एकता, बंधुत्व और सांस्कृतिक समागम का कार्यक्रम बनना चाहिए।
गांधी ने एक बयान में कहा था कि दुनिया और भारतीय उपमहाद्वीप की संस्कृति में रामायण की गहरी और अमिट छाप है। भगवान राम, माता सीता और रामायण की गाथा हजारों वर्षों से हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक स्मृतियों में प्रकाशपुंज की तरह आलोकित है।