पटना- सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में बिहार पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस आमने-सामने है। इस मामले में तब और तूल पकड़ा, जब मामले की जांच करने पटना से मुंबई पहुंचे बिहार कैडर के आइपीएस विनय तिवारी को बीएमसी द्वारा क्वारंटाइन कर दिया गया। क्वारंटाइन होने के बाद भी आइपीएस तिवारी ने अपनी जांच जारी रखी। हालांकि, अब यह मामला सीबीआइ के सुपुर्द कर दिया गया है।
5 दिन के क्वारंटाइन के बाद छोड़ा
सुशांत सिंह राजपूत मामले में जांच के लिए मुंबई आए बिहार के आईएसपी विनय तिवारी को जबरन क्वारंटाइन कर दिया गया था। 5 दिन के क्वारंटाइन के बाद बीएमसी ने उन्हें शुक्रवार को मुक्त किया था। हाल ही में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने मुंबई पुलिस को लेकर की बड़ी बातें कही हैं।
आईपीएस विनय ने कहा कि अब जब सीबीआई जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी तो उनसे बचने के लिए वो कुछ छिपा रही है। हम चाहते तो हमारी टीम भी सभी पर्दे उठा सकती थी, लेकिन बिहार पुलिस को जांच से रोकने के लिए मुंबई पुलिस हर संभव कोशिश कर रही है। मुंबई पुलिस को ऐसा नहीं करना चाहिए।
ढंग से होती पूछताछ तो सामने आती सच्चाई
आईपीएस विनय ने बताया कि मामले की जांच बिहार पुलिस 27 जुलाई से कर रही थी। दो अगस्त को मैं मुंबई पहुंचा था। अभी कुछ लोगों से ही बातचीत शुरू हो पाई थी कि रात में मुझे क्वारंटाइन कर दिया गया। इसके बाद भी चार अगस्त तक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कुछ लोगों से पूछताछ की गई।
हादसे के वक्त सिंह राजपूत के घर में मौजूद चार लोगों दीपेश, देवेश, पिठानी और एक अन्य से कई बार बात हुई। हर बार उन्होंने अपने बयान बदले। ये चारों इस मामले की महत्वपूर्ण कड़ी हैं और अगर इन से ढंग से पूछताछ हो तो सच्चाई सामने आ सकती थी।