नई दिल्ली- वैक्सीन बनाने वाली देसी कंपनी भारत बायोटेक ने कंपनी शुक्रवार को ऐलान किया कि उनके द्वारा बनाई गई कोविड-19 वैक्सीन कोवाक्सिन ने बंदरों में वायरस के प्रति ऐंटीबॉडीज विकसित की है। भारत बायोटेक ने ट्वीट किया, भारत बायोटेक गर्व से कोवाक्सिन के एनिमल स्टडी रिजल्ट्स जारी करता है। ये रिजल्ट्स लाइव वायरल चैलेंज मॉडल में वैक्सीन का असर दिखाते हैं। यानी लैब के अलावा जीवित शरीर में भी यह वैक्सीन कारगर है, यह साबित हो गया है।
मकाका मुलाटा प्रजाति के खास तरह के बंदरों पर किया प्रयोग
भारत बायोटेक ने मकाका मुलाटा प्रजाति के खास तरह के बंदरों को चार समूहों पर बांटकर रिसर्च किया। एक ग्रुप को प्लेसीबो दिया गया जबकि बाकी तीन ग्रुप्स को तीन अलग-अगल तरह की वैक्सीन पहले और 14 दिन के बाद दी गई। दूसरी डोज देने के बाद, सभी बंदरों को SARS-CoV-2 से एक्सपोज कराया गया।
वैक्सीन की पहली डोज दिए जाने के तीसरे हफ्ते से बंदरों में कोविड के प्रति रेस्पांस डेवलप होना शुरू हो गया था। वैक्सीन पाने वाले किसी भी बंदर में निमोनिया के लक्षण नहीं मिले। आपको बता दें कि कंपनी ने बीते दिनों ह्यूमन ट्रायल का पहला फेज पूरा किया और अब दूसरे दौर के लिए DCGI से अनुमति मांगी है।
माना जा रहा है कि कुछ ही दिनों सेकेंड ट्रायल भी शुरू हो जाएगा। कोवाक्सिन को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरलॉजी और भारत बायोटेक ने मिलकर डेवलप किया है। भारत बायोटेक ने 29 जून को ऐलान किया था कि उसने वैक्सीन तैयार कर ली है।
6 महीने के अंदर वैक्सीन आने का किया जा रहा दावा
भारत में भारत बॉयोटेक, जायडस कैडिला, समेत करीब 8 कंपनियां कोरोना वैक्सीन बनाने में जुटी हैं। उधर कंपनी कोवाक्सिन का जल्द ही दूसरे चरण का ट्रायल शुरू करेगी। इसके तहत 750 लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी।
वहीं, तीसरे चरण में हजारों लोगों को शामिल किया जाएगा। वहीं दूसरी ओर भारत बायोटेक की मानें तो वैक्सीन अगले साल पहली तिमाही तक उपलब्ध हो जाएगी।