कोरोना के भयंकर प्रकोप से बचने के लिए अब हर किसी को कोरोना वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है। इसी बीच भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने अगले साल की शुरुआत तक कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध होने की आशा की एक किरण दिखाई है। डॉक्टर हर्षवर्धन ने राज्य सभा में साथ ही कहा, ‘वैक्सीन कोई जादू नहीं हैं, बड़े पैमाने पर वैक्सीन के उपलब्ध होने के लिए वक्त लगेगा, लेकिन कोरोना वायरस को रोकने के लिए मास्क सबसे महत्वपूर्ण है।’
इससे एक दिन पहले भारत की फ़ार्मा कंपनी डॉक्टर रेड्डीज लैब्स में कहा था कि भारत को इस साल के आखिर तक कोरोना वायरस की वैक्सीन मिल सकती है। कंपनी ने रूस के साथ रूसी वैक्सीन स्पुतनिक V के 10 करोड़ डोज़ खरीदने की बात कही थी।
ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन
हर देश अपनी अपनी प्रतिभा के अनुसार कोरोना की वैक्सीन को बनाने में लगा हुआ है। ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन बना रही एस्ट्राजेनिका के भारतीय पार्टनर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल्स फिर शुरू करने की अनुमति मिल गई है। कुछ कारणों से ट्रायल पर रोक लगने के बाद अब फिर से ये ट्रायल शुरू करने की इजाजत दे दी गई है।
कोरोना से मरने वालो का आंकड़ा
कोरोना के कारण दुनियाभर मे ना जाने कितनी मौते हुई है। कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का कुल आंकड़ा तीन करोड़ के नजदीक पहुंच चुका है, वहीं इस वायरस से मरने वालों की संख्या नौ लाख 40 हजार के ऊपर चली गई है। अमेरिका में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 66.30 लाख है,जबकि मरने वालों की संख्या 196,802 हो चुकी है।
कोरोना के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है और अमेरिका के करीब पहुंच चुका है। यहां अब तक कोरोना वायरस 51.18 लाख लोगों को संक्रमित कर चुका है और 83,198 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है।
तीसरे चरण में कुल 9 वैक्सीन
33 कंपनियों ने कोरोना वैक्सीन बनाने का दावा किया है, जिनका परीक्षण अभी चल रहा है। इनमें से 9 वैक्सीनों का तीसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल किया जा रहा है। इनमें ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के साथ-साथ, कैनसाइनो-बीजिंग इंस्टीट्यूट, जेनसेन फार्मास्युटिकल्स, साइनोवैक, सिनोफार्म-वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स, मॉडर्ना और बायोएनटेक-फाइजर की वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं।