रायपुर- प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, बीमा और फाइनेंस कंपनियों के नाम पर लोन दिलाने का झांसा देकर करोड़ों की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन बदमाशों को रायपुर पुलिस ने उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर से पकड़ा है। पुलिस ने बताया कि यह संगठित गिरोह इसी तरह से पूरे देश में अपना नेटवर्क फैला कर कई लोगों काे ठगी का शिकार बना चुके हैं।
आरोपितों के बैंक खातों की जांच में करोड़ों के लेन-देन का पता चला है। आरोपित तालाब, खेत और रोड किनारे बैठकर वारदात को अंजाम देते थे। सभी आरोपी सिर्फ हाईस्कूल तक ही पढ़े हैं। पुलिस को इन आरोपियों को पकड़ने में काफी मशक्कत भी करनी पड़ी।
बीमा कवर तो कभी आइटी रिटर्न की बात कह हड़पे 1.45 लाख रुपये
शिकायतकर्ता पीयूष कुमार देवांगन ने पुलिस को बताया कि वह मठपारा कैलाशनगर बीरगांव में रहता है। उसके माेबाइल फोन पर सोनू कुमार नाम के शख्स का कॉल आया। उसने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत युवक को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत पांच लाख रुपये का लोन दिलाने की बात कही। इसके बाद आरोपित ने आवेदन शुल्क के नाम पर ढाई हजार रुपये चंद्रवीर नाम के युवक के बैंक खाते में डलवा लिए। झांसे में लेने के लिए बदमाशों ने मोबाइल पर ऑनलाइन एग्रीमेंट और पीयूष के नाम से पांच लाख रुपये के डिमांड ड्राफ्ट की फोटो भेजी। इसके बाद लोन के साथ कभी बीमा कवर तो कभी आइटी रिटर्न की बात कहकर छोटी-छोटी किश्तों में पंद्रह दिन के भीतर कुल 1.45 लाख रुपये ले लिए।
धोखाधड़ी का एहसास होने पर पीयूष पुलिस के पास पहुंचा। पुलिस अधीक्षक अजय यादव के निर्देश पर आरोपियों को पकड़ने के लिए एक विशेष टीम गठित की थी। इस टीम ने ठगी का शिकार हुए युवक से मिली जानकारी के आधार पर तकनीकी विश्लेषण कर आरोपियों के ठिकानों का पता लगाया। टीम काे आराेपियों के दिल्ली में हाेने की जानकारी मिली।
टीम ने दिल्ली, गाजियाबाद, बुलंदशहर, नाेएडा में घूम-घूम कर आरोपियों को ढूंढा। इस दौरान वे लगातार अपनी लोकेशन बदलते रहे। फिर सभी आरोपियों को बुलंदशहर में घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में आरोपियों के सभी दस्तावेज भी फर्जी पाए गए। पकड़े गए आरोपियों के नाम नीरज कुमार, आनंदस्वरूप और चंद्रवीर बताए गए हैं। यह सभी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले हैं।
4 राज्यों के लोगों से ठगे करोड़ो रूपये
पुलिस के अनुसार यह हिंदी भाषी राज्य छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश के लोगों को शिकार बनाते थे। अलग राज्यों के लोगों से इन्होंने करोड़ो की ठगी की है। आश्चर्य की बात ये है कि सभी आरोपी सिर्फ हाईस्कूल तक ही पढ़े हैं। आरोपित तालाब, खेत और रोड के किनारे बैठकर वारदात को अंजाम देते थे।