भारत ने चीन से कहा- पैंगोंग त्सो से सैनिकों को हटाएं, चीन ने पहली बार माना बिना हथियार के भी भारतीय सैनिक पड़े उनपर भारी

गलवान घाटी में खूनी झड़प को लेकर दोनो देशो के बीच तनाव जारी है. तनाव को कम करने के लिये 22 जून को भारतीय सेना और चीन की सेना में बात चीत हुई। लद्दाख सीमा पर तनाव कम करने के लिये भारतीय सेना ने चीनी सेना के साथ बातचीत की जिससे की दोनो देशो के बीच तनाव को खत्म किया जा सके। 15 जून के बाद दोनों देश के बीच कोई झड़प नही हुई. लेकिन दोनो देशो के बीच तनाव पूर्ण जारी है और हजारों सैनिक दोनो देशो के लगे हुई है।

कल सुबह 11:30 बजे से भारत और चीन के बीच जनरल लेवल की मीटिंग हुई जो 11 घंटे तक चली, भारत और चीन के बीच ये दूसरी मीटींग थी, इसमें भारत की ओर से कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने हिस्सा लिया, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने इस बैठक में पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग त्सो इलाके से चीनी सैनिकों को हटाने की मांग की.

इसी मीटिंग के दौरान चीन की सेना ने पहली बार इस बात को माना कि 15 जून को गलवान में हुई झड़प में उसके कमांडिंग ऑफिसर समेत 2 सैनिक मारे गए थे, हालांकि, रिपोर्ट्स में पहले चीन के 40 से ज्यादा जवानों की मौत का दावा किया जा चुका है.

लद्दाख में 15 जून को हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिकों शहीद हो गए थे , और चीन के कई सैनिक की मारे जाने की पुष्टि हुई थी, जिसमे चीन के मारे गए सैनिकों के बारे में कोई जानकारी नही साझा की.

चीन ने भारतीय सेना को रिहा किया –

हिंसक झड़प के बाद चीन तनाव बना रहा और बातचीत हुई जिसमें चीन से झड़प होने के बाद भारत के10 सैनिकों को बन्दी बना लिया था।बात चीत के दौरान भारत के 10 जवान को रिहा किया.

 

 

 

 

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