यूपी के योगी सरकार ने प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालय खोले जाने के लिये तारीख सुनिश्चित कर ली है। माना जा रहा है कि सभी प्राथमिक विद्यालय 1 जुलाई से खोल दी जाएगी, जहां पर सभी शिक्षक एवं प्रधानाचार्य की उपस्थिति होगी अनिवार्य। बेसिक शिक्षा के महानिदेशक विजय किरन आंनद ने इसके संबंध में आदेश जारी किया है। आदेश में कहा है कि छात्र अभी स्कूल नही आएंगे सिर्फ शिक्षक और प्रधानाचार्य की उपस्थिति होनी है।
बेसिक शिक्षा के महानिदेशक ने कहा कि 1 जुलाई से सभी शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य रहेगा तथा इस समय स्कूल के शिक्षक और प्रधानचार्य उपस्थिति हो कर ज़रूरी काम को पूरा करेंगे।
उन्होंने कहा कि शारदा अभियान के तहत स्कूल में 6 से ले कर 14 वर्ष तक के बच्चों का प्रवेश करवाना अनिवार्य है और दीक्षा ऍप के जरिये अपनी अपनी ट्रेनिंग पूरी करना जरूरी है। वहीं राज्य सरकार के द्वारा विकसित आधारशिला, ध्यानाकर्षण, प्रशिक्षण संग्रह का भी प्रस्ताव किया गया था, जिसे पूर करना जरूरी है। इसका प्रशिक्षण 20 जुलाई से खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षको का बैच बना कर देने का आदेश दिया है।
विद्यालय के शिक्षक को बच्चों के लिये किताब पहुँचाने से लेकर और ड्रेस बनवाने तक का काम पूरा करना है। दिव्यांग बच्चों का नामांकन समर्थ एप्प के जरिये करना है, जिसमे शिक्षक को गाँव मे घूम-घूम कर बच्चों को समर्थ एप्प पर पंजीकृत करना है। वहीं मानव सम्पदा और यू डाएस डाटा को भी सही रूप से पूरा करना होगा.
वहीं कोरोना वायरस के वजह से देश भर में 22 मार्च से ही सभी स्कूले बन्द है। फिलहाल कोरोना वायरस को देखते हुई छात्रो को स्कूल नही बुलाया गया हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा है कि 15 अगस्त के बाद विचार किया जायगा की छात्राओ को बुलाया जाय कि नही । वहीं केंद्र सरकार ने अभी स्कूल और कॉलेज को लेकर कोई कोई गाइडलाइन नही जारी किया है। जिसे राज्य सरकार कोई फैसला ले सके।
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