भारत में 2 अक्टूबर का दिन बहुत ही मुख्य दिन माना जाता है. भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 1869 में गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था. महात्मा गांधी जी के पिता का नाम करमचंद गांधी और माता का नाम पुतलीबाई था. अपने व्यक्तित्व कृतित्व और आदर्शों वाले गांधी जी आगे चलकर हमारे देश के राष्ट्रपिता कहलाए. सत्य, अहिंसा और आदर्श की इस मूर्ति को हम बापू कहकर पुकारते हैं.
देश की आजादी में उनका बहुत ही बड़ा योगदान रहा. महात्मा गांधी ने अपनी आत्मकथा ‘सत्य के साथ मेरे प्रयोग’ में सारे पहलुओं और घटनाओं के बारे में लिखा था. रामचंद्र गुहा ने अपने एक इतिहासकार पुस्तक में सरला देवी चौधरानी से महात्मा गांधी के प्रेम प्रसंगों का वर्णन किया था. बताया जा रहा था कि, महात्मा गांधी चौधराइन पर मुग्ध हो गए.
सरला देवी, रविंद्र नाथ टैगोर की भांजी थी. वह बहुत ही प्रगतिशील महिला थी. उनका स्वभाव बहुत सरल था. रविंद्र नाथ टैगोर की तरह ही सरला देवी भी कविताएं लिखती थी. महात्मा गांधी उनके इस व्यक्तित्व से बहुत ही आकर्षक हुए. महात्मा गांधी को सरला देवी चौधरानी से प्रेम प्रसंग में पड़ गए थे.
रामचंद्र गुहा ने अपनी एक पुस्तक में इस बारे में वर्णन किया है. उन्होंने सरला देवी के स्वतंत्रता, मानसिकता और करिश्माई व्यक्तित्व के बारे में बताया है. अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए सरला देवी चौधरानी बैठकों के दौरान गीत गाया करती थी. उन्हें गीत में बहुत ही ज्यादा रुचि थी. महात्मा गांधी ने सरला देवी चौधरानी का गीत सुना और वह उनसे बहुत ही प्रभावित हुए.
महात्मा गांधी उस समय सरला देवी चौधरानी के घर पर ही रुक गए थे. सरला देवी का विवाह रामभुज दत्त से हो चुका था. राम भुज दत्त उस समय जेल में थे. महात्मा गांधी की उम्र 55 साल थी, जबकि सरला देवी चौधरानी की उम्र 47 साल की थी. अपने प्रेम प्रसंग के बारे में महात्मा गांधी ने किसी से भी नहीं छुपाया था. उनके इस रिश्ते को लेकर शादी भी टूटने वाली थी. यह बात महात्मा गांधी ने खुद ही सबको बताई थी, उन्होंने खुद भी यह माना था.
बाद में जब महात्मा गांधी लाहौर से लौटे तो उन्होंने सरला देवी से खतों के जरिए बातचीत करना शुरू कर दिया. खतों के जरिए दोनों के कुछ ज्यादा बातचीत नहीं होती थी, लेकिन सी. राजगोपालाचारी के कहने के बाद उन्होंने चौधराइन से अपना रिश्ता खत्म कर दिया. बताया जा रहा है कि महात्मा गांधी ने एक बार अपने खत में यह भी लिखा था कि उन्हें सरलादेवी चौधराइन के सपने आते हैं. उनके इस रिश्ते के बारे में महात्मा गांधी की पत्नी कस्तूरबा गांधी ने निंदा की. इसके अलावा उनके पुत्रों ने भी इस रिश्ते को लेकर काफी निंदा की.
सरला देवी गांधी जी से भावनात्मक तौर पर ही नहीं बल्कि राजनीतिक तौर से भी उनके साथ जुड़ी हुई थी. गांधीजीं ने सरला के संग अपने रिश्ते को ‘आध्यात्मिक विवाह’ का नाम दिया था. गांधीजी ने सरला के साथ बनारस, बॉम्बे, पंजाब, अहमदाबाद, बरेली और झांसी आदि शहरों का दौरा भी किया था.