कोरोना काल के बीच सोमवार को सीबीएसई (12वीं) का रिजल्ट घोषित कर दिया गया. गत वर्ष की अपेक्षा इस बार पांच फीसद अधिक स्टूडेंट्स ने बाज़ी मारी. 2020 के रिजल्ट में त्रिवेंद्रम 97.7 प्रतिशत के साथ देश में पहले स्थान पर रहा. जबकि पटना शहर 74.57 प्रतिशत के साथ सबसे नीचले पायदान पर रहा.
इस बार भी बालिकाओं ने ही बाज़ी मारी है. पूरे देश में 92.15 प्रतिशत बालिकाएं पास हुई तो वही बालकों का रिजल्ट मात्र 86.19 प्रतिशत रहा. किन्नर छात्रों का रिजल्ट 67.67 प्रतिशत रहा. देश के स्कूल्स में जवाहर नवोदय विद्यालय का रिजल्ट 98.7 प्रतिशत होने के कारण सबसे आगे रहा.
तो वही केंद्रीय विद्यालय संगठन का कुल रिजल्ट 98.२ प्रतिशत होने की वजह से देश में दूसरे स्थान पर रहा. केंद्रीय तिब्बती स्कूल 98.23 प्रतिशत रहा. सरकारी स्कूल के नतीजे 94.94 प्रतिशत तो सरकारी अनुदान वाले स्कूलों का रिजल्ट 91.56 प्रतिशत रहा.
सीबीएसई की जानकारी के अनुसार इस बार 13,109 स्कूल के 11,92,961 बच्चों ने परीक्षा दी जिनमे से 10,59,080 स्टूडेंट्स सफल हुए. इस तरह रिजल्ट 88.78 प्रतिशत रहा जो गत वर्ष की तुलना में 5.38 फीसद अधिक है।
इस तरह रहे अन्य शहरों के रिजल्ट प्रतिशत में….
बंगलूरू 90.05, चेन्नई 96.17, दिल्ली पश्चिम 94.61 , पूर्वी दिल्ली 92.24, पंचकूला 92.52 , चंडीगढ़ 92.04 , भुवनेश्वर 91.46 , भोपाल 90.5, पुणे 90.24, अजमेर 87.60 , नोएडा 84.87 , गुवाहाटी 83.37, देहरादून 83.22 और प्रयागराज 82.49 फीसदी रहा।
लखनऊ की छात्रा दिव्यांशी को मिले 600 में से 600 अंक
लखनऊ के नवयुग रेडियंस स्कूल की छात्रा दिव्यांशी जैन ने 12वीं में एक भी नंबर मिस नहीं किया। उनको सभी सब्जेक्ट्स (इंग्लिश, संस्कृत, इतिहास, भूगोल, इंश्योरेंस, इकोनॉमिक्स) में 100 में 100 नम्बर प्राप्त हुए. दिव्यांशी ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि इतने अच्छे नंबर मिलेंगे।
उन्होंने कभी कोचिंग नहीं की. ये नंबर सेल्फ स्टडी से प्राप्त हुए है. 10वीं में 97.6 प्रतिशत अंक हासिल किया था। दिव्यांशी कहती है की कड़ी मेहनत ज़रूर रंग लाती है. उन्होंने प्रतिदिन चार-पांच घंटे पढ़ाई करती थी. दिव्यांशी शोध कार्य के क्षेत्र में जाना चाहती है. वह कहती है की उतना ही पढ़ना चाहिए जितना समझ में आये.
बुलंदशहर के तुषार को मिले 500 में से 500
बुलंदशहर के दिल्ली पब्लिक स्कूल के मानविकी के छात्र तुषार सिंह ने सभी विषय में 100 में से 100 नम्बर हासिल किये। इस तरह उन्होंने 500 में से 500 नंबर हासिल किये। तुषार ने भी कोचिंग नहीं की थी. तुषार आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहते है.