भारत में चल रहे किसान आंदोलन पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपनी राए रखी है। डिपार्टमेंट के प्रवक्ता नें गुरुवार को नपे तुले बयान में कहा कि, अमेरिका ऐसे कदमों का स्वागत करता है जो भारतीय बाज़ारों की निपुणता में सुधार करेंगे और निजी क्षेत्र में अधिक निवेश करेंगे। साथ ही प्रवक्ता ने कृषि कानूनों के खिलाफ हो प्रदर्शनों को ‘लोकतंत्र की कसौटी बताया।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने और क्या कहा
पिछले 70 दिनों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर 26 जनवरी की लाल किला वाली हिंसक घटना हम हटा दें तो किसानों का यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण ही चल रहा है। लेकिन 3 जनवरी के दिन पॉपस्टार रिहाना के ट्वीट के बाद कृषि कानूनों का यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय लेवर पर हाईलाइट में आ गया। भारत से लेकर विश्वभर की बड़ी हस्तियों ने भारतीय किसान प्रदर्शन पर अपनी बात रखी है।
गौरतलब है कि इसी कड़ी में अब अमेरिकी विदेश मंत्रालय का नाम भी जुड़ गया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अपने बयान में भारत के कृषि कानूनों का समर्थन करते हुए ‘शांतिपूर्ण प्रदर्शनों को लोकतंत्र की कसौटी’ बताया है।
दोनों पक्ष की रखी बात
अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के किसान प्रदर्शनों पर ट्वीट करने और फिर उसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान के बाद अमेरिकी की विदेश मंत्रालय का बयान आया है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा, “सामान्य तौर पर अमेरिका भारतीय बाज़ार की दक्षता को सुधारने और निजी क्षेत्र के निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए गए कदम का स्वागत करता है”।
हालांकि, किसान प्रदर्शन से जुड़े सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी समस्या को दोनों पक्षों को बातचीत से सुलझाना चाहिए अमेरिका जिसके लिए प्रोत्साहित करता है।
अमरिकी प्रवक्ता ने कहा कि “हम मानते हैं कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन किसी भी संपन्न लोकतंत्र की कसौटी होते हैं और याद रखने वाली बात है कि भारती सुप्रीम कोर्ट ने भी यही कहा है”।