कोरोना काल में शांत पड़े बॉलीवुड में उस वक़्त शोक की लहर दौड़ गई थी, जब अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कर ली थी. पुरे देश में उनके चाहने वालों को बड़ा झटका लगा, लेकिन बॉलीवुड के ही कुछ जाने माने चेहरों ने इस आत्महत्या को अपने खुद के प्रचार प्रसार के लिए जमकर इस्तेमाल किया।
किसी ने बॉलीवुड में हावी नेपोटिज़्म (वंशवाद) का शंख बजाया तो कोई सुशांत को न्याय दिलाने के लिए उनके बिहार स्थित घर पहुंच गया और एक राजीतिक पार्टी के साथ मिलकर जमकर बयानबाज़ी कर डाली जिसका विरोध सुशांत के पिता जी ने भी किया था.
खैर अब बात आती है कि ये वो लोग हैं, जो सुशांत के अचानक से इतने बड़े हितैषी कैसे बन गए जबकि सुशांत के जीवित रहने पर उनकी शायद ही कभी मदद की हो. फ़िलहाल बात करते है कुछ ऐसे जाने माने चेहरों की जिन्होंने सुशांत मामले पर जमकर बयानबाज़ी की बाद में खुद के ही बिछाये जाल में फंस गए……..
क्या कंगना नहीं दे रही नेपोटिज्म को बढ़ावा?
कुछ महिला प्रधान हिट फिल्मे देकर अपने दम पर बॉलीवुड में जगह बनाने वाली कंगना, हो सकता है बॉलीवुड में संघर्ष के दौरान नेपोटिज़्म का शिकार हुई होंगी। शायद इसीलिए सुशांत की मौत के बाद मौका देखते ही उन्होंने खुलकर नेपोटिज़्म की बात कही और जमकर सुर्खियां बटोरी। क्यूंकि सुशांत के फैन इस घटना से बहुत आहत थे इसलिए सुशांत फैन ग्रुप भी कंगना पीछे हो लिया, लेकिन सवाल यह उठता है की कंगना जब इतना सब कुछ जानती थी तो पहले क्यों नहीं बोला।
वह अगर पहले इस मुद्दे पर बोलतीं तो हो सकता है कि सुशांत आज हम सब के बीच होते। खैर नेपोटिज़्म पर दिए कंगना के बयान पर यही बात ख़त्म नहीं होती। सबसे बड़ा सवाल की कंगना का अपना भी प्रॉडक्शन हाउस है मणिकर्णिका फिल्म जिसकी सारी ज़िम्मेदारी कंगना के भाई अक्षत के ऊपर है.
कंगना के भाई कानूनी और वित्त का काम देखते हैं तो उनकी बहन रंगोली भी कंगना के प्रॉडक्शन हाउस को संभालती हैं. दूसरे ओर अभी तक जो भी फिल्म इस प्रोडक्शन के तहत हुई वह कंगना की ही रही.
उन्होंने किसी बाहरी हेरोइन या हीरो को नहीं लिया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या कंगना खुद वंश वाद को बढ़ावा नहीं दे रही? अब इसे के क्या कहा जाए आप सभी खुद समझदार हैं. हाल ही में टीवी कलाकार करण ने भी कंगना पर नेपोटिज़्म को लेकर आरोप लगाया है.
शेखर सुमन सुशांत की लाश पर बन रहे हैं राजनेता
अभिनेता शेखर सुमन ने बिहार की राजनीति में अपनी पकड़ हासिल करने के लिए सुशांत की मौत के बाद भावुक हो चुके उनके चाहने वालों को शिकार बनाने की कोशिश की.
उन्होंने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव के साथ मिलकर उनकी राजनीतिक पार्टी राष्ट्रिय जनता दल के बैनर तले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर डाली, जिसकी जानकारी तक सुशांत के परिवार वालों को नहीं दी गई और न ही उनसे अनुमति ली गई. जोकि नियमतः गलत है.
मिली जानकारी के अनुसार शेखर सुमन ने हाल ही में इस राजनीतिक पार्टी की सदस्य्ता ली है. वह पहले भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं.
जानकारों का कहना है कि जल्द ही बिहार में चुनाव होने वाले हैं, इसीलिए शेखर ने अपना वोट बैंक जुटाने के लिए सुशांत की आत्महत्या को अपना मुद्दा बनाना चाहा, लेकिन परिवार वालो के विरोध के चलते उनको बैकफुट पर आना पड़ा.
इस मामले में खुद को सुशांत का दोस्त कहने वाले प्रोडूसर संदीप सिंह भी शामिल रहे जबकि उन्होंने कभी सुशांत के साथ कोई फिल्म नहीं की. और अभिनेता के जीवित रहते समय अगर वो उनका साथ देते तो शायद आज सुशांत जिंदा होते.