मुम्बई- लता मंगेशकर इस नाम से देश का हर एक नागरिक वाकिफ है। उनको विदेशों तक में सम्मानित किया गया है। बच्चे से लेकर वृद्ध तक हर एक की जुबान पर आज भी उनका नाम है। 6 दशकों तक अपनी आवाज से लोगों के दिलों में राज करने वाली मशहूर गायिका लता मंगेशकर के चाहने वाले न केवल देश में हैं बल्कि विदेशों में भी उनके लाखों फैन्स मौजूद हैं।
स्वर कोकिला कही जाने वालीं लता मंगेशकर 28 सितंबर को अपना जन्मदिन मनाती हैं। हालांकि बचपन में उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। जब वो 13 साल की थीं तभी उनके पिता की हार्ट अटैक से मृत्यु हो गई। घर में बड़ी होने नाते सारी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। आइए आपको उनके निजी जीवन से जुड़े कुछ अनकहे किस्से शेयर करते हैं।
लता को पहली बार मंच पर गाने के लिए मिले थे 25 रुपये
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। इनके पिता का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर था। लता का पहला नाम ‘हेमा’ था, मगर जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम ‘लता’ रख दिया था। लता अपने सभी भाई-बहनों में बड़ी हैं। मीना, आशा, उषा तथा हृदयनाथ उनसे छोटे हैं।
जब लता मात्र 7 साल की थीं, तब वह महाराष्ट्र आईं और यहीं अपनी कर्मभूमि बना ली। लता के पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे। वर्ष 1942 में उनके पिता का देहांत हो गया। पिता के देहांत के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति काफी बिगड़ गई। घर की पूरी जिम्मेदारी 13 साल की लता के कंधों पर आ गई। घर के खर्च चलाने के लिए लता ने मराठी और हिंदी फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभानी शुरू की।
लता को पहली बार मंच पर गाने के लिए 25 रुपये मिले थे। इसे वह अपनी पहली कमाई मानती हैं। लता का संघर्ष तब खत्म हुआ जब उनको अशोक कुमार और मधुबाला अभिनीत फिल्म महल में गायकी का मौका मिला। 1949 में आई फिल्म ‘महल’ में मधुबाला के लिए गाया हुआ एक गाना काफी लोकप्रिय हुआ। वह गाना था- ‘आएगा आने वाला। इस गाने के बाद लता ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
इसलिए लता ने नहीं की शादी
एक सवाल जो हमेशा उनके प्रशंसकों के जेहन में आता रहता है कि लता मंगेशकर ने कभी शादी क्यों नहीं की? क्या थी इसके पीछे की वजह? आइए आज हम आपको भी बताते हैं कि इस महान गायिका ने अपनी जिंदगी में कभी शादी क्यों नहीं की?
पिता के गुजर जाने के बाद घर की सारी जिम्मेदारी लता मंगेशकर पर आ गई थी। बड़ी बेटी होने के नाते भाई-बहनों की जिंदगी को संवारने में वे इतनी व्यस्त रहीं कि अपनी शादी के बारे में सोचने का उन्हें कभी मौका ही नहीं मिला।
एक इंटरव्यू में लता मंगेशकर ने कहा था कि घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी मुझ पर थी। ऐसे में कई बार शादी का ख्याल आता भी तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी। बेहद कम उम्र में ही मैं काम करने लगी थी। सोचा कि पहले सभी छोटे भाई बहनों को व्यवस्थित कर दूं। फिर बहन की शादी हो गई। बच्चे हो गए। तो उन्हें संभालने की जिम्मेदारी आ गई। इस तरह से वक्त निकलता चला गया।