मुम्बई- सुशांत सिंह राजपूत केस में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। रिया चक्रवर्ती बार-बार कह रही थीं कि सुशांत को डिप्रेशन था और उनका इलाज चल रहा था, लेकिन सुशांत के परिवार और उनकी बहनों का दावा था कि सुशांत को कोई बीमारी नहीं थी और वो कोई दवा भी नहीं ले रहे थे। लेकिन अब सुशांत की बहन मीतू का मुंबई पुलिस को दिया एक बयान सामने आया है। इस बयान में उन्होंने कहा है कि सुशांत 2019 से डिप्रेशन में था।वहीं सुशांत की बहन मीतू सिंह ने ये भी बताया है कि कैसे उन्हें सुशांत की मौत की जानकारी मिली थी।
सुशांत ने पूरे परिवार को बताया था कि वो डिप्रेसन में है
मीतू सिंह ने पुलिस को दिए गए बयान में कहा है कि अक्टूबर 2019 में सुशांत ने पूरे परिवार से कहा था कि वह खुद को अवसाद में महसूस कर रहा है। मेरी बहनें नीतू सिंह और प्रियंका सिंह भी दिल्ली और हरियाणा से सुशांत सिंह राजपूत के पास मुंबई आई थीं। उसके बांद्रा वेस्ट के जॉगर्स पार्क में माउंट ब्लैंक बिल्डिंग के फ्लैट नंबर 601 में उससे मिले थे। सभी बहनें कुछ समय तक उसके साथ रही थीं और उसे समझाया था। मेरा भाई सुशांत सिंह प्रोफेशनल अप्स और डाउंस को लेकर उदास था।
उन्होंने ये भी कहा कि मेरी बेटी गोरेगांव में अकेले थी, इसलिए 12 जून को शाम को मैं चली गई। घर जाने के बाद सुशांत को मैसेज कर बताया, लेकिन उसने रिप्लाई नहीं किया और ना ही मुझे कॉल किया। वहीं 14 जून को मुझे सिद्धार्थ का कॉल आया और उसने मुझे बताया कि सुशांत की बॉडी पंखे से लटकी हुई पाई गई है। सिद्धार्थ और फ्लैट में मौजूद अन्य लोगों ने उनकी बॉडी को चाकू से कुर्ते को काट कर उतारा है।
बयान के मराठी में होने पर वकील ने उठाया सवाल
सुशांत के पिता केके सिंह के वकील विकास सिंह ने कहा कि इस मामले में मुम्बई पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है। वहीं मीतू के बयान पर विकास सिंह ने कहा कि मुंबई पुलिस ने सुशांत के परिवार, खासकर तीनों बहनों का बयान मराठी में लिखा था और परिवार से हस्ताक्षर लिए। इसलिए साइन करते वक्त उन्हें यह पता ही नहीं चला कि उसमें लिखा क्या गया है। वहीं परिवार ने भी सवाल उठाया था कि स्टेटमेंट मराठी में क्यों लिखा गया। हमें ये तो मालूम है कि हमनें क्या कहा था लेकिन मुंबई पुलिस ने क्या लिखा ये जानकारी नहीं है।