नई दिल्ली: ये वो दौर है भारतीय रेलवे अपने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए नई योजनाओं पर पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहा है इलेक्ट्रिफाइड ट्रेन टनल इसका ही एक उदाहरण माना जाता है और इस टनल को बनाने के लिए योजनाएं काफी वक्त से चल रही थी लेकिन अब इस मामले में एक बड़ी खबर सामने आई जो कि काफी हद तक खुशखबरी की तरह ही है।
पहली इलेक्ट्रिफाइड ट्रेन
दरअसल हरियाणा में देश की पहली इलेक्ट्रिफाइड ट्रेन टनल भारतीय रेलवे ने बनाकर तैयार कर ली है जिस की खूबियां पूरे विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। सबसे बड़ी बात यह की यह केवल भारत की ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की पहली इलेक्ट्रिफाइड ट्रेन टनल है। जिसके नीचे से डबल डेकर तक की ट्रेन गुजर सकती हैं। आपको बता दूं कि ये टनल अरावली की पहाड़ियों को काटकर बनाई गई है।
एक साल से चल रहा था काम
भारतीय रेलवे की इलेक्ट्रिफाइड ट्रेन टनल के नीचे से न केवल डबल डेकर ट्रेन बल्कि डबल डेकर मालगाड़ी के कंटेनर भी गुजर पाएंगे। जिससे माल ढुलाई का काम और अधिक आसान हो जाएगा। इसको बनाने का काम भारतीय रेलवे के अंतर्गत पिछले 1 साल से चल रहा था। बड़ी बात ये है कि ये सुरंग माल गाड़ी के लिए तैयार हो रही ट्रैक लाइन दादरी तक ले जाएगी।
बन रहा है कॉरिडोर
दरअसल भारतीय रेलवे की योजना के तहत डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर बनाया जा रहा है जिसमें केवल तेज रफ्तार पर ट्रेनें ही चलेंगी। इनकी संख्या अभी की अपेक्षा में कहीं ज्यादा होगी। भारतीय रेलवे का ये ईस्टर्न डेडिकेटिड ट्रेड कॉरिडोर बंगाल के दानकुनी से पंजाब के लुधियाना तक जाएगी जबकि इसका दूसरा वेस्टर्न उत्तर प्रदेश के दादरी से महाराष्ट्र के जवाहरलाल नेहरू पोर्ट तक जाएगा। भारतीय रेलवे को उम्मीद है कि यह काम 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा।
तेज दौड़ेगी यात्री ट्रेनें
गौरतलब है कि इन दोनों ही फ्रेट कॉरीडोर के बनने के बाद माल गाड़ियां इन ट्रैक से अधिक तेज रफ्तार से दौड़ेगी और लोगों का सामान समय तक उन तक पहुंचेगा। इसका एक बड़ा फायदा यात्री ट्रेनों को भी होगा क्योंकि अभी यात्री ट्रेनें और मालगाड़ी दोनों एक ही ट्रैक पर दौड़ती हैं। मालगाड़ी के लिए अलग से एक होने के बाद देश में यात्री ट्रेनों को एक स्वतंत्र रेल मार्ग मिलेगा जिसके जरिए वह तेजी से अपने गंतव्य तक जाएंगे और इसके साथ ही रेलवे का टाइम टेबल में भी बड़ा सुधार होगा। ऐसे में ये इलेक्ट्रिफाइड रेल टनल एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी