नई दिल्ली: भारत एक बड़ा ई-कॉमर्स मार्केट है जहां हर दिन करोड़ों लोग ऑनलाइन सामन खरीदते हैं। ई-कॉमर्स से बिजनेस करना छोटे-छोटे बड़ी समेत विदेशी कंपनियां पूरी दुनिया में आसानी से कारोबार कर रहीं हैं। लेकिन ई-कॉमर्स के जरिए खरीदा गया सामान कहाँ का है किस देश में वो बनाया गया है, इसको लेकर सरकार की तरफ से कभी कोई जानकारी सामने नहीं आ पाती है।
सुप्रीम कोर्ट पहुंची गुहार
ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा कंपनियों को सामान के मूल निर्माता देश की जानकारी के लिए बड़ी बातें कहीं जा रहीं हैं। लोग भी सोशल मीडिया पर इसको लेकर बड़े कैंपेन चला रहे हैं। वहीं बड़ी बात ये है कि अब इस मामले में एक याचिका सुप्रीम कोर्ट पहुंची है, जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा एक्शन ले लिया है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की वकील और याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में जो दलील दी वो काफी वाजिब हैं। उनकी ओर से कहा गया है,
“देश का हर नागरिक चीनी सामान की बजाय भारत में निर्मित चीजों को अपनाना चाहता है। देश को आर्थिक मजबूती देने के लिए और आत्मनिर्भर बनाने के लिए अपने यहां निर्मित चीजों का ही इस्तेमाल करने की अपील खुद प्रधानमंत्री ने की है। लेकिन ऐसा तभी हो सकेगा, जब लोग यह जान सकेंगे कि जिस सामान को वह खरीदने जा रहे हैं, वो किस देश में बना है?”
सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस
देश के ई-कॉमर्स कंपनियों के मसले को लेकर डाली गई याचिका पर संज्ञान लेते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की मोदी सरकार को नोटिस जारी कर दिया है। इसको लेकर अब बड़ी बात ये है कि इस मामले में सरकार को अपना पक्ष दाखिल करना होगा।
सरकार बनाए कानून
इस मामले सुप्रीम कोर्ट से याचिकाकर्ता ने ई-कॉमर्स कंपनियों के द्वारा बेचे गए प्रोडक्ट के मूल निर्माता देश की जानकारी को लेकर कहा कि सरकार इस मामले में कानून बना सकती है। साथ ही उपभोक्ता संरक्षण कानून के अंतर्गत भी सरकार प्रावधान कर सकती है। जिसमें संशोधन करके निर्माता देश की जानकारी भी जोड़ी जा सकती हैं। आपको बात दें कि इस नियम के तहत क्वालिटी क्वांटिटी शुद्धता के पैमाने पहले ही शामिल हैं।