मास्को। भारत चीन के तनाव के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस की यात्रा पर हैं। इस दौरान दोनों देशों के बीच अहम समझौते हुए हैं। इस दौरान भारत और रूस ने अत्याधुनिक एके-203 रायफल भारत में बनाने के लिये एक बड़े समझौते को अंतिम मंजूरी दे दी है। खास बात यह है कि पुराने मॉडल से उलट यह राइफल हिमालय जैसे ऊंचे इलाकों के लिए बेहतर होती है।
आधिकारिक रूसी मीडिया ने गुरुवार को यह जानकारी दी। आपको बता दें कि सुरक्षाबलों को दी जाने वाली इस राइफल को पूरी तरह से लोड किए जाने के बाद कुल वजन 4 किलोग्राम के आसपास होगा। वहीं INSAS का इस्तेमाल 1996 से चला आ रहा है और उसमें हिमालय की ऊंचाई पर जैमिंग और मैगजीन के क्रैक जैसी समस्याएं पैदा होने लगी हैं।
प्रति रायफल की कीमत करीब 82000 रुपये
प्रति रायफल करीब 1,100 डॉलर यानी 82000 रुपये की लागत आने की उम्मीद है, जिसमें प्रौद्योगिकी हस्तांतरण लागत और विनिर्माण इकाई की स्थापना भी शामिल है। रूस निर्मित AK-203 राइफल दुनिया की सबसे आधुनिक और घातक राइफलों में से एक है। AK-203 बेहद हल्की और छोटी है जिससे इसे ले जाना आसान है।
इसमें 7.62 एमएम की गोलियों का इस्तेमाल किया जाता है। यह राइफल एक मिनट में 600 गोलियां या एक सेकंड में 10 गोलियां दाग सकती है। इसे ऑटोमेटिक और सेमी ऑटोमेटिक दोनों ही मोड पर इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी मारक क्षमता 400 मीटर है।
एके-47 रायफल का नवीनतम रूप है एके-203
एके-203 रायफल, एके-47 रायफल का नवीनतम और सर्वाधिक उन्नत प्रारूप है। यह ‘इंडियान स्मॉल ऑर्म्स सिस्टम’ (इनसास) 5.56×45 मिमी रायफल की जगह लेगा। रूस के स्पूतनिक न्यूज के मुताबिक भारतीय सेना को 7.7 लाख राइफल्स की जरूरत है जिसमें एक लाख आयात की जाएंगी और बाकी का उत्पादन भारत में किया जाएगा।
खबर के मुताबिक उत्तर प्रदेश में कोरवा आयुध फैक्टरी में 7.62 गुणा 39 मिमी के इस रूसी हथियार का उत्पादन किया जाएगा। राइफल्स का भारत में निर्माण इंडो-रशिया राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के संयुक्त ऑपरेशन के तहत किया जाएगा। यह ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड (OFB) और कालाश्निकोव कंसर्न और रोसोबोरोनएक्सपॉर्ट के बीच की गई डील है।