5 जुलाई को है गुरु पूर्णिमा, अगर आपके कुंडली में है कालसर्प दोष तो ऐसे करें कल इसका निवारण
यदि आप कुंडली मे कालसर्प दोष से परेशान हैं, तो इस बार गुरु पूर्णिमा का दिन खाली मत जाने दीजिए. इस दिन का पूरा लाभ उठाइए और कालसर्प दोष को काफी हद तक शांत करिए. अगर ज्योतिष आचार्यों की माना जाए तो यदि किसी की कुंडली में काल सर्प दोष हो तो इससे छुटकारा पाने के लिए गुरु पूर्णिमा पर गुरु की पूजा करके आशीर्वाद ग्रहण करना चाहिए। इससे परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ती है।
इस बार 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा पड़ रही है. हालांकि इस दिन चंद्र ग्रहण भी है, लेकिन भारत में चंद्र ग्रहण दिखाई ना देने के कारण गुरु पूर्णिमा का पर्व पूरे विधि विधान से मनाया जा सकता है. ऐसे मौके पर वृंदावन के आचार्य सुशील कृष्ण शास्त्री और अंकित मिश्रा बताते हैं कि वैसे तो इस दिन भगवान शंकर कि पूजा का भी विधान है. वह जगत पिता हैं उनको पूरे ब्रह्मांड का गुरु और पिता माना गया है.
तो आइये जाने कि राशि के अनुसार गुरु जी को कौन सा उपहार भेंट करें जो कालसर्प दोष के प्रभाव को कम कर सके, लेकिन ये सभी कार्य गुरु के प्रति श्रद्धा रखकर ही करें. साथ ही इस दिन अपने गुरु का अभिषेक कर उनकी पुजा करें. क्यूंकि गुरु ही हमें जीवन की बाधाओं से लड़ना सीखाते हैं.  माता पिता की भी पूजा इस दिन कर सकते हैं.

अगर नहीं है आपके गुरु तो…

अगर आपका कोई गुरु नहीं है तो आप निराश मत हो. आप भगवान शिव की विधि विधान से पूजा कर सकते हैं और उनका अभिषेक कर सकते हैं. धर्म शास्त्रों में शिव जी को जगतगुरु माना गया है. ऐसे में गुरु पूर्णिमा के दिन किया गया शिवजी को अभिषेक कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करेगा.

गुरु पूर्णिमा क्यों…

शास्त्रीय मान्यता के अनुसार महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास (महर्षि वेद व्यास) का जन्म आषाढ़ की पूर्णिमा तिथि को हुआ था। वेदव्यास को गुरुओं का गुरु कहा जाता है इसलिए उनके जन्मोत्सव को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई।

“गुरु” का अर्थ…

‘गु’ अर्थात अंधकार ‘रु’ अर्थात  निरोधक. मतलब गुरु वहीँ है, जो अंधकार को दूर कर ज्ञान का प्रकाश फैलाता है. गुरु अपने शिष्यों को हर संकट से बचाने के लिए प्रेरणा देते हैं. इसलिए हमारे जीवन में गुरु का अत्यधिक महत्व है. इस दिन गुरु मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से ज्ञान प्राप्त होता है.

राशियों के अनुसार…..

मेष… गुरु जी को फल (अनार) दें और पूजा करें.
वृष… गाय भेंट करें. अगर ये सम्भव न हो तो दक्षिणा दें.
मिथुन… गुरु जी की पूजा कर फल (पपीता) भेट करें.
कर्क... ड्राइफ्रूट्स भेंट करें जैसे मखाना, किसमिस आदि
सिंह... चुंकि गुरुपूर्णिमा पर आम का अधिक महत्व है, इसलिए गुरु जी को दक्षिणा के साथ आम भेंट करें.
कन्या…. कोई भी हरी वस्तु, वस्त्र भेंट करें.
तुला… सफ़ेद मीठी चीज भेंट करें.
वृश्चिक… पीली मिठाई या पीला वस्त्र भेंट करें.
धनु... इस राशि के लोग गुरु की सेवा करें और शंकर जी का पूजन. उपहार में गुरु जी वस्त्र सहित दक्षिणा, कमंडल,  बर्तन या खड़ाऊ भेंट करें.
 मकर… मकर का स्वामी शनि होता है.  इसलिए गुरु जी को लोहे से जुड़ी वस्तुएं भेंट करें. जैसे छाता आदि.
 कुंभ.. गुरु जी को जो पुस्तक पढ़ना पसंद हो, वह साहित्यिक पुस्तकें भेंट करें.
 मीन.. मीन राशि वाले गुरु पूर्णिमा पर गुरु जी को घर बुलाएं और पूरे आदर सत्कार के साथ उनकी पूजा अर्चना कर उनके पसंद का भोजन परोसे शरबत पिलाएं.
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