नई दिल्ली: कारगिल युद्ध जिन स्थितियों में लड़ा गया था, उसे भारत का कोई भी नागरिक कभी नहीं भूल सकता। पाकिस्तान ने बड़े-बड़े मंसूबे पालकर भारत की धरती पर कब्जा करने की चाल चली थी. उसने अपने घर में चल रहे आंतरिक कलह से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए ऐसा दुस्साहस किया था। जबकि भारत उस समय पाकिस्तान से अच्छे संबंध बनाने का प्रयास कर रहा था. कहा जाता है न कि दुष्ट का स्वभाव ही होता है, हर किसी से बिना वजह दुश्मनी करना। बस अपने इसी स्वभाव के चलते पाकिस्तान ने भारत से दुश्मनी ली और भारत को बड़ी क्षति पहुंचानी चाही।
भारत की मित्रता का जवाब पाकिस्तान ने पीठ पर छुरा भोंकने की कोशिश से दिया। लेकिन भारत के वीर सपूतों ने अपने पराक्रम से भारत की एक इंच पर भी उसको पैर नहीं रखने दिया।
भारत और उसके जाबांजों की इस ताकत को पूरी दुनिया देखा। यह बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के दौरान कही। इस मौके पर उन्होंने कारगिल विजय दिवस की यादें ताजा की। उन्होंने कहा कि आज 26 जुलाई है.
आज का दिन भारत के लिए बहुत ही अहम है। 21 साल पहले कारगिल युद्ध में हमारी सेना ने जीत का झंडा फहराया था। आप कल्पना कर सकते हैं कि ऊंचे पहाड़ों पर बैठा हमारा दुश्मन और नीचे से लड़ रही हमारी सेना ने किस तरह मोर्चा लिया होगा आप समझ सकते हैं। यह जीत पहाड़ों की ऊंचाई की नहीं बल्कि भारत की सेनाओं के ऊंचे हौसलें और सच्ची वीरता की है।
कारगिल जाने का सौभाग्य मुझे भी प्राप्त हुआ…
मुझे भी कारगिल जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। मैंने साक्षात हमारे जवानों की वीरता के दर्शन किए हैं। वह दिन हमारे जीवन के सबसे अनमोल क्षणों में से एक हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आप कल्पना कर सकते हैं कि ऊचें पहाडों पर बैठा हुआ दुश्मन और नीचे से लड़ रही हमारी सेना, हमारे वीर जवान लेकिन जीत पहाड़ की ऊंचाई की नहीं,भारत की सेनाओं के ऊंचे हौंसले और सच्ची वीरता की हुई। उस समय, मुझे भी कारगिल जाने और हमारे जवानों की वीरता के दर्शन का सौभाग्य मिला, वो दिन, मेरे जीवन के सबसे अनमोल क्षणों में से एक है।
प्रधानमंत्री की आपील
प्रधानमंत्री मोदी ने देश के युवावों से अपील की है कि वह कारगिल दिवस पर पूरा दिन हमारे जाबाजों की कहानियां, वीर-माताओं के त्याग के बारे में, एक-दूसरे को बताएं और साझा करें। सोशल मीडिया से गैलेंट्री अवार्ड वेबसाइट पर विजिट करें, जहां वीर पराक्रमी योद्धाओं और उनके पराक्रम के बारे में बहुत सारी जानकारियां मिलेंगी। वीर जवानों की गाथाओं का अपने में अनुसऱण भी करें।
अटल ने लालकिले से भरी थी हुंकार
पीएम मोदी ने कहा कि कारगिल युद्ध के समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल विहारी बाजपेयी ने कारगिल पर जाकर जवानों का हौंसला बढ़ाया और वहां से हुंकार भरी थी। उन्होंने लालकिले से जो कहा था, वो, आज भी हम सभी के लिए बहुत प्रासंगिक है।
अटल जी ने कहा था कि कारगिल युद्ध ने हमें एक ऐसा मंत्र दिया है जो यह बताता है कि महत्वपूर्ण निर्णय देने से पहले हमे एक बार यह सोच लेना चाहिए कि हमारा यह कदम सैनिक सम्मान के अनुरूप है जिसने उन दुर्गम पहाड़ियों में अपने प्राणों की आहुति दी थी।