दुनिया की सबसे खूबसूरत महारानी मानी गई जयपुर की महारानी ‘गायत्री देवी’ अपनी खूबसूरती के साथ-साथ अपनी समाज सेवा की वजह से भी काफी मशहूर थीं. मगर क्या आप जानते हैं कि, आपातकाल के समय भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इन्हें अरेस्ट करवा दिया था और उन्हें पुरे पांच महीने तक दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कराय रखा था. तो चलिए आज आपको प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़े इसी किस्से के बारे में बताते हैं..
कौन थीं महारानी गायत्री देवी ?
वैसे तो हम जब भी किसी मशहूर किंग या क्वीन के बारे में बात करते हैं तो उनमें से ज्यादातर अपनी वीरता के कारण जाने जाते हैं, लेकिन आज हम एक ऐसी महारानी के बारे में बात करेंगे जो अपनी वीरता से ज्यादा अपनी खूबसूरती और राजनीतिक पकड़ के लिए मशहूर थीं. जी हां, महारानी गायत्री देवी की खूबसूरती के चर्चे विश्व भर में थे. उन्होनें राजनीति से लेकर समाज सेवा तक कई एरिया में काम किया था.
ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ के मुताबिक महारानी गायत्री देवी का नाम गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में 1962 के लोकसभा चुनावों में सर्वाधिक वोटों से जीत हासिल करने के लिए दर्ज है. ऐसा माना जाता है कि ‘गायत्री देवी’ की शुरुआती पढ़ाई लंदन में हुई, फिर विश्व भारती यूनिवर्सिटी, शांतिनिकेतन, लॉसेन, स्विट्ज़रलैंड के बाद उन्होनें लंदन कॉलेज ऑफ़ सेक्रेटरीज से अपनी पढाई पूरी की थी.
उनके बारे में कहा जाता है कि वह एक बहुत ही बड़े शानदार महल में पली-बड़ी थीं और उनके महल में लगभग 500 से ज्यादा नौकर काम करते थे. इसके साथ-साथ गायत्री देवी को गाड़ियों और शिकार का भी बहुत शौक था. उनके बारे में यह भी कहा जाता है कि जब उन्होंने पहली बार चीते का शिकार किया तब उनकी उम्र महज 12 वर्ष थी. इतना ही नहीं नहीं वह बेहतरीन घुड़सवार और पोलो की अच्छी खिलाड़ी भी थी.
आखिर इंदिरा गांधी से उनका ऐसा क्या झगड़ा था?
खबरों की माने तो, इंदिरा गांधी और महारानी गायत्री देवी एक ही समय में शांति निकेतन में पढ़ी थीं, तो एक-दूसरे को काफी अच्छे से पहचानतीं थीं. आपको बता दें कि, कूचबिहार के महाराजा की बेटी गायत्री की शादी जयपुर के महाराजा मान सिंह से हुई थी और वो उनकी तीसरी पत्नी थीं, लेकिन सबसे स्टाइलिश और खूबरसूरत थीं. इसके लिए उन्होनें परदा करने से साफ मना कर दिया था.
वह इतनी खूबसूरत थीं कि विदेशी मैगजींस में उनकी चर्चा होती थी. इंदिरा गांधी की आंखों में वो तब खटकीं जब लंदन मे पली-बढ़ीं गायत्री देवी कांग्रेस में शामिल होने के बजाय स्वतंत्र पार्टी की टिकट पर 1962 में लोकसभा चुनाव लड़ीं और 2,46,515 वोट्स में से उन्हें 1,92,909 वोट्स मिले यानी 78 फीसद, फिर विदेशी अखबारों ने इसे दुनिया की सबसे बड़ी जीत बताया और इतने वोट तो इंदिरा गांधी के पिता नेहरू जी को भी नहीं मिले थे.
और तो और गायत्री देवी हर बार कांग्रेस को चुनावों में हराती थीं, इससे इंदिरा को चिढ़ स्वाभाविक थी. संसद के गलियारों में इंदिरा गांधी पर उनकी टिप्पणियों का जिक्र खुशवंत सिंह ने किया इसमें उन्होनें लिखा था लिखा था, ‘इंदिरा गांधी एक ऐसी महिला को कैसे बर्दाश्त कर सकती थीं, जो उनसे ज्यादा खूबसूरत हो और संसद में उनकी बेइज्जती कर चुकी हो’