आईपीएल : थांगरासु नटराजन के पिता मजदुर तो माँ बेचती थी सड़क के किनारे...

इस सीजन के आईपीएल में युवाओं को प्रतिभा दिखाने के लिये बेहद खूबसूरत मौका मिला है,और ये प्रतिभाशाली युवा अपनी प्रतिभा दिखाने में चुके नही है। जब कोई गरीबी में मेहनत और लगन से सपनो को साकार करता है तो वो संघर्ष दूसरे के लिए प्रेणादायक होता है।

अपने यॉर्कर से किया हैरान

ऐसे ही इस आईपीएल के एक यॉर्कर किंग थांगरासु नटराजन का नाम है जिसने अपने लगन और मेहनत के संघर्ष से अपना जलवा दिखाया। इनके बचपन से लेकर आईपीएल तक का सफर के बारे में जाने। जिसने इतने संघर्ष के बाद अपने सफलता से परिवार का आर्थिक स्थिति सही किये और वही एक अलग पहचान बनाए।

आईपीएल : थांगरासु नटराजन के पिता मजदुर तो माँ बेचती थी सड़क के किनारे...

इस आईपीएल में नटराजन सनराइज हैदराबाद के टीम से खेल रहे है। और दिल्ली कैपिटल से हो रहे मैच में इन्होंने डेथ ओवरों में अपनी यॉर्कर गेंद से बल्लेबाज को मजबूर कर दिए। जिसमे 4 ओवर में 25 रन देकर एक विकेट हासिल किए। और इनके खतरनाक यॉर्कर गेंदबाजी से बल्लेबाज काफी परेशान हुए थे।

गरीबी में गुजरा बचपन

नटराजन का जन्म तमिलनाडु के जिले सलेम के ग्राम चिन्ननपमपट्टी में एक गरीब परिवार में 27 मई 1991 में हुआ । जिसके बाद इनका बचपन गरीबी में बीत गया। इनके पिता एक मजदूर और माता रोड के किनारे दुकान लगा कर अपने परिवार का किसी तरह से खर्च चलती थी। जिसके बावजूद इन्होंने इतनी बड़ी मुकाम हासिल किए है।

आईपीएल : थांगरासु नटराजन के पिता मजदुर तो माँ बेचती थी सड़क के किनारे...

ये पाँच भाई बहन है जिसमे नटराजन सबसे बड़े है। जिसमे परिवार की जिम्मेदारी खुद  के कंधों पर था। ये अपनी पढ़ाई पुरानी किताबो के सहारे और तो और ये किसी की पुरानी ड्रेस पहन कर स्कूल जाते थे। स्कूल के समय खेल कूद में इनकी कोई खास दिलचस्पी नही था। जब ये क्रिकेट के बारे के जानने लगे तब वे रुचि लेने लगे। लेकिन उनके पास कोई संसाधन नही था यहां तक कि बॉल तक उनके पास नही था। किसी तरह उन्होंने खेलना शुरू किया और एक टेनिस बॉल से लगभग 5 साल तक अभ्यास किये।

तमिलनाडु के बने ,’मुस्तफिजुर रहमान’

जब नटराजन के जीवन में कोच जयप्रकाश की एंट्री हुई. तब नटराजन के जीवन मे काफी योगदान रहा . अगर इनके जीवन मे कोच नहीं आते तो शायद उनका यह खेल सिर्फ उनके गांव तक ही रह जाता. कोच जयप्रकाश  ने नटराजन की प्रतिभा को पहचाना. उनकी मदद से नटराजन ने बारीकियों को समझे और चेन्नई गए। एक तरफ इनके परिवार की जिम्मेदारी और दूसरी तरफ उनके सपने साकार करने के लिये चेन्नई आकर क्रिकेट के सारे बारीकियां सीखने लगे।जिसके बाद टीएनसीए लीग (2010-11) में खेलने का मौका मिला. फिर 2012-13 में नटराजन को ‘जोली रोवर्स’ जैसे बड़े अकादमी से खेलने का मौका मिला.

आईपीएल : थांगरासु नटराजन के पिता मजदुर तो माँ बेचती थी सड़क के किनारे...

इसके बाद जम कर अभ्यास करने में लगे, और 2015 में रणजी खेलने का अवसर प्राप्त हुआ। उसके बाद यॉर्कर गेंद फेंकने के लिये काफी मेहनत किये। और एक के बाद एक यार्कर  फेंकने की वजह से उन्हें तमिलनाडु का मुस्तफिजुर रहमान बुलाया जाने लगा. 2016 में तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीपीएल) में डिंडीगुल ड्रैगन्स के लिए खेलते हुए उनका प्रदर्शन शानदार रहा. अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से उन्होंने आईपीएल फ्रेंचाइजियों का ध्यान अपनी तरफ खींचा.

पंजाब ने खरीदा 3 करोड़  में

आईपीएल : थांगरासु नटराजन के पिता मजदुर तो माँ बेचती थी सड़क के किनारे...

इस युवा को 2017 में किंग्स इलेवन पंजाब ने उन्हें 3 करोड़ में खरीदे।उस वक़्त नटराजन टीवी देख रहे थे। पंजाब के इस फैसले से कई ने सवाल उठाए। पाँच T20 में सिर्फ 4 विकेट ही लिए।

आज आईपीएल के यॉर्कर किंग बने

साल 2018 में सनराइजर्स हैदराबाद ने अपनी टीम का हिस्सा बनाया. लेकिन नटराजन को पिछले दो सीजन खेलने का मौका नहीं मिला. हालांकि, आईपीएल 2020 सीजन 13 में नटराजन को एक बार फिर से अपनी प्रतिभा का जलवा दिखाने का बेहतरीन अवसर मिला है. इस सीजन नटराजन सनराइजर्स हैदराबाद के लिए खेल रहे हैं.

आईपीएल : थांगरासु नटराजन के पिता मजदुर तो माँ बेचती थी सड़क के किनारे...

नटराजन ने इस साल अपने शानदार गेंदबाजी से सबको प्रभावित किये है।वही अब हैदराबाद से डेथ ओवर की बेहतरी न गेंदबाजी किये।जिसके बाद यॉर्कर गेंद के लिये सर्वश्रेष्ठ बन गए.

 

 

 

 

 

 

 

 

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