गूगल और जियो के बीच हुआ कॉन्ट्रैक्ट, भारत से होगी चीनी स्मार्टफोन की छुट्टी

नई दिल्ली: भारत विश्व में एक बड़ा स्मार्टफोन मार्केट है। इस बात से हर एक कंपनी वाकिफ हैं। जियो भारत की एक बड़ी टेलीकॉम कंपनी है जबकि गूगल एंड्रायड का मठाधीश। दोनों ही कंपनियों ने एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट किया है जिसने चीन की दिक्कते बढ़ा दी हैं और चीन के भारत के स्मार्टफोन मार्केट पर कब्जा करने मंसूबे पर पानी फिर सकता है। इसलिए गूगल और जियो के करार के बाद ये कंपनियां चिंता में हैं।

गूगल और जियो का कॉन्ट्रैक्ट

गूगल और जियो के बीच हुआ कॉन्ट्रैक्ट, भारत से होगी चीनी स्मार्टफोन की छुट्टीदरअसल भारतीय टेलिकॉम कंपनी जियो ने एंड्रायड की प्रदाता कंपनी गूगल के साथ एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट किया है जिसके तहत जियो भारत में किफायती कीमत में बेहतरीन एंड्रॉयड स्मार्टफोन लॉन्च करेंगी। इस पूरे प्रोजेक्ट में गूगल का 33 हजार करोड़ का निवेश होगा। ये खबर भारत के लिए जितनी खुशी की है उससे ज़्यादा दुख की बात चीन की स्मार्ट कंपनियों के लिए है। यही नहीं स्मार्टफोन के बेहतरीन परफार्मेंस के लिए जियो ने गूगल के साथ ही क्वॉलकाम और स्नैपड्रेगन के साथ भी करार कर लिया है।

चीन ने किया कब्ज़ा

साल 2016 के बाद से पिछले चार सालों में चीन की स्मार्टफोन कंपनियों ने भारतीय बाजर की सभी कंपनियों को खत्म कर दिया है। जिसका कारण कम कीमत में आकर्षक फीचर्स थे और तबसे से कई मोबाइल कंपनियां बस फीचर फोन में सिमट कर रह गईं। लेकिन भारत चीन के बीच के गहमा-गहमी और कोरोनावायरस के कारण बिगड़ा वैश्विक माहौल कुछ ऐसा हो चला है कि भारतीय बाजार में चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों के झंडे उखड़ सकते हैं।

चीनी कंपनियों का है दबदबा

गूगल और जियो के बीच हुआ कॉन्ट्रैक्ट, भारत से होगी चीनी स्मार्टफोन की छुट्टीयह बात सच है कि अभी भी जब चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियों द्वारा कोई फोन लॉन्च किया जाता है तो भारत में उसकी मांग बढ़ जाती है जबकि इस मामले में सबसे केवल और केवल भारतीय बाजार में चीन के अलावा और कोई अच्छा विकल्प नहीं है, ‌ जिसके चलते चीन इसका फायदा उठाक मोटा मुनाफा कमाता है।

चीन की बढ़ेगी मुश्किलें

जियो और गूगल के कॉन्टैक्ट के बाद भारत में सस्ते दाम में बेहतरीन स्मार्टफोन बनेंगे जिससे बजट स्मार्टफोन यूज करने वाले यूजर्स जो ना चाहते हुए भी चीन के बने स्मार्टफोन खरीदने को मजबूर रहने वाले लोगो के पास अब जियो का एक बेहतरीन ऑप्शन मिलेगा।

ये ऑप्शन भी चीन की स्मार्टफोन कंपनियों के लिए मुसीबत का सबब बनेगा। क्योंकि लंबे वक्त से भारत में चीन के खिलाफ आक्रोश है और ये आक्रोश केवल सरकार या सेना के लोगों में नहीं बल्कि हर तबके के जनमानस में है।

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