एक वक्त था कि देश में माइक्रोमैक्स, लावा, कार्बन जैसी स्मार्टफोन कंपनियां अपना दबदबा बनाए थी। माइक्रोमैक्स आए दिन नए फोन लॉन्च करती थी। 2015-16 त भारत के 80 स्मार्टफोन मार्केट पर इन्हीं भारतीय कंपनियों का कब्जा था, लेकिन फिर स्मार्टफोन का बदलना चीन के लिए फायदेमंद हुआ, हालाँकि अब एक बार भारतीय कंपनियों के अच्छे दिन आ सकते हैं।
आत्मनिर्भर भारत का मंत्र
भारत चीन विवाद के बीच देश में चीन के खिलाफ विरोध में चीनी स्मार्टफोन कंपनियां भी झटका खा जाएंगी, क्योंकि भारत में आत्मनिर्भर बनने की मुहिम छिड़ गई है। शाओमी, ओप्पो वीवो जैसी स्मार्टफोन कंपनियां भारत से मुनाफा कमा रही थीं, लेकिन अब उनके लिए मुश्किलें बढ़ सकतीं हैं।
चीन से घटा व्यापार
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक चीन से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स आयात में 9 अरब डॉलर की कमी आई है, लेकिन दूसरी तरफ हांगकांग और वियतनाम जैसे देशों से भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स आयात में बढ़ोतरी दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2018-19 में भारत ने वियतनाम से 2 अरब डॉलर का इलेक्ट्रॉनिक्स आयात किया था जो गत वित्त वर्ष 2019-20 में बढ़कर 4 अरब डॉलर का हो गया।
हांगकांग से पिछले वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान भारत ने 8.7 अरब डॉलर का आयात किया जबकि वित्त वर्ष 2018-19 में यह आयात 8.6 अरब डॉलर का था, बड़ी बात ये भी है मेक इन इंडिया मुहिम के तहत कई चीनी स्मार्टफोन कंपनियां भारत में ही अपनी असेंबली खड़ी कर चुकी थी।
तैयार हैं भारतीय कंपनियां
भारतीय स्मार्टफोन कंपनियां भारत में फिर से स्वदेशी स्मार्टफोन की बयार लाने की कोशिश कर रही है।। कार्बन मोबाइल के एमडी ने कहा,
‘चीन के वर्चस्व को तोड़ना आसान नहीं होगा, लेकिन इसकी शुरुआत की जाएगी.. हम पूरी तरह से चीन की तरह सस्ते व आधुनिक मोबाइल फोन बनाने को तैयार हैं।’
उत्पादन है बड़ी समस्या
इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि एक बड़ी समस्या मास लेवल पर उत्पादन का नहीं होने से आने वाली है। चीन में बहुत बड़ी संख्या में उत्पादन होता है जिससे लागत काफी नीचे आ जाती है। इंडियन सेलुलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीइए) की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में निर्माण लागत चीन और वियतनाम के मुकाबले काफी अधिक है।
जल्द आएंगे नए फोन
भारतीय स्मार्टफोन मार्केट की बड़ी कंपनी माइक्रोमैक्स इस दौर में दोबारा अपने बेहतरीन फोन लांच करने वाली है। माइक्रोमैक्स भी तीन स्मार्टफोन लाने की तैयारी कर रही है। इन कंपनियों की कोशिश यह है कि इस बार के त्योहारी मौसम में चीन की मोबाइल कंपनियों के मुकाबले भारत निर्मित हैंडसेट का बोलबाला हो।
औद्योगिक संगठन सीआइआइ के नेशनल आईसीटीई मैन्युफैक्चरिंग कमेटी के चेयरमैन विनोद शर्मा के मुताबिक ‘सभी प्रकार के इलेक्ट्रिकल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान के घरेलू उत्पादन को आगे ले जाने का यह सुनहरा अवसर है।