– 31 जुलाई तक एसआइटी सौंपेगी जांच रिपोर्ट
– अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में बनी एसआइटी
देश के चर्चित कानपुर एनकाउंटर मामले की जांच के लिए शासन ने अब एसआइटी गठित की है। दो जुलाई की रात कानपुर चौबेपुर के बिकरू गांव में पुलिस टीम और गैंगेस्टर विकास दुबे मुठभेड़ में आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। इसी मामले की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआइटी का गठन किया गया है। एसआइटी को जुलाई 31 तक जांच पूरी करके शासन को रिपोर्ट सौंपनी होगी।
एसआइटी की टीम में इनको किया गया शामिल…
अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा, पुलिस उप महानिरीक्षक जे. रवींद्र गौड़, दोनों अधिकारियों को शामिल किया गया है। एसआइटी (special investigation team) के जरिए घटना से जुड़े विभिन्न पहलुओं की जांच की जाएगी। साथ ही विकास दुबे के साथ पुलिस के रिश्तों की भी बारीकी से जांच होगी।
एसआइटी विकास दुबे के एक साल की काल डिटेल्स की भी पड़ताल करेगी कि एक साल में उसकी किन-किन लोगों से अधिकतर बात होती थी।
पुलिस से लेकर आला अधिकारियों और किन-किन राजनेताओं से उसकी बातचीत और संबंध थे। इन सभी पहलुओं की पड़ताल होगी। इसके अलावा अब तक जो उसके खिलाफ मुकदमें दर्ज थे उन पर कितनी प्रभावी कार्यवाई हुई।
इन-इन बिंदुओं पर एसआइटी करेगी जांच…
– हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ हुई शिकायतों पर तत्कालीन थानाध्यक्ष चौबेपुर और जिले के अन्य अधिकारियों ने क्या कार्यवाई और जांच की।
– विकास दूबे और उसके साथियों के संपर्क में आए सभी पुलिस कर्मियों के खिलाफ सुबूत इकट्ठा करना।
– घटना वाले दिन शूटरों को हथियार कहां से और कैसे उपलब्ध हुए।
– पुलिस दबिश की सूचना हिस्ट्रीशीटर विकास तक कैसे पहुंची।
– विकस के अपराधिक इतिहास को देखते हुए उसकी जमानत को निरस्त करने के लिए क्या कोई कदम उठाया गया।
– विकास और उसके साथियों पर तमाम अपराधिक मामले दर्ज होने के बावजुद उनका शस्त्र लाइसेंस कैसे बना।
– लगातार अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने के बाद भी शस्त्र लाइसेंस रद्द क्यों नहीं किया गया।
– विकास दुबे और उसके साथियों की संपत्ति की जांच भी एसआइटी करेगी।
– विकास और उसके साथियों की आर्थिक गतिविधियों की जांच होगी। इस मामले में पुलिस की मिलीभगत की जांच होगी।
– विकास दुबे ने कितनी अवैध सरकारी और गैर सरकारी जमीन कब्जाई थी। इसमें उसका साथ देने वाले अधिकारियों की भी जांच होगी।