कानपुर: विकास दुबे का एनकाउंटर कर दिया है लेकिन सवाल बने हुए हैं कि क्या उसने भागने की कोशिश की ? या फिर ये एक फेक एनकाउंटर कर दिया गया है। इस मामले में अलग-अलग बयान आ रहे हैं इसी बीच एक बड़ा खुलासा हुआ एक चश्मदीद ने जो बताया है वो सब को हैरान करने वाली है।
गोलियों की सुनी थी आवाज
दरअसल, एनकाउंटर के दौरान पास ही से गुज़र रहे कई लोगों से बात चीत की गई। इस मामले में एक स्थानीय ने जो बयान दिया वो चौंकाने वाला है। आशीष पासवान ने समाचार एजेंसी ANI से कहा,
“हमने गोलियों की आवाज़ें सुनी थीं… पुलिस ने हमें दूर भगा दिया… हम अपने घर लौटकर जा रहे थे…”
नहीं हुआ कोई एक्सीडेंट
गाड़ी के एक्सीडेंट के सवालों पर जब पूछा गया कि क्या गाड़ी का कोई एक्सीडेंट हुआ था, तो उन्होंने बोला कि नहीं गाड़ी का कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ था। उनका बयान पुलिस की कहानी के बिल्कुल उलट है, जिसमें पुलिस ने कहा है कि विकास दुबे को जिस गाड़ी से ले जाया जा रहा था, बारिश के कारण वही गाड़ी पलट गई थी। चश्मदीद ने कहा
‘वहां किसी गाड़ी का कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ था गाड़ी सही सलामत थी’
सुनियोजित साजिश का शक
आपको बता दें कि विकास दुबे के मारे जाने पर लोगों में ख़ुशी की लहर है पुलिस की लोग तारीफ कर रहे हैं और उसकी जय-जय के नारे लगा रहे हैं। लेकिन सवाल फिर भी बरकरार है कि क्या एनकाउंटर फेक था और चश्मदीदों के जो बयान है वो सुनियोजित एनकाउंटर की ओर इशारा कर रहे हैं।