कानपुर कांड के मुख्य अपराधी विकास दुबे के साथ ही उसके 6 सिपहसालार एनकाउंटर में ढेर हो चुके हैं। लेकिन यूपी एसटीएफ की जांच अभी तक रुकी नहीं है। यूपी पुलिस इसका हर एक पहलू तलाश रही है। इस एनकाउंटर में विकास दुबे का भांजा अमर दुबे भी मारा गया है। जिसके बाद पुलिस ने उसके माता-पिता और पत्नी को भी जेल भेज दिया है।
अमर दुबे के परिजन फंसे
विकास दुबे के मुख्य साथी अमर दुबे के माता पिता और पत्नी को उसकी मदद करने उसे कारतूस उपलब्ध कराने के आरोप में जेल भेज दिया गया है। लेकिन इस मामले में उसके छोटे भाई की भूमिका को लेकर पुलिस जांच कर रहीं हैं। वहीं इस पूरे मामले में अगर उसकी संलिप्तता न हुई तो पुलिस उसे गवाह भी बना सकती है।
अमर दुबे ने खूब मचाया आतंक
पुलिस से बातचीत में अमर दुबे को लेकर कई बड़े खुलासे हुए हैं जो चौंकाने वाले हैं। दरअसल अमर दुबे के नाबालिग छोटे भाई ने पुलिस को बताया है कि विकास ने उस रात पुलिसकर्मियों पर खूब गोलियां चलाईं थीं।
अमर दुबे की नृशंसता को लेकर पता चला है कि जब पुलिस वाले भाग रहे थे, तो वो उन्हें पकड़-पकड़ कर मार रहा था, जिसके कारण मौतों का आंकड़ा और बढ़ा।
घर से भागा था अमर
उस दुर्दांत अपराध के बाद अमर दुबे वहां से भाग गया था और अपने भाई से कहकर गया था कि अब विकास दुबे के साथ ही रहेगा और उसके बाद उसने कहा था कि पुलिस आए तो कह दिया जाए कि डर के भाग गया हूं। हालांकि बाद में वो एनकाउंटर में मार गिराया गया जबकि वो विकास दुबे के साथ नहीं था।
विकास के मुख्य गुर्गे
आपको बता दें कि अमर दुबे के छोटे भाई के मुताबिक अमर दुबे को उस रात विकास दुबे ने बुलाया था वो हथियार और असलहे लेकर आया और फिर फायरिंग शुरू कर दी। विकास दुबे के मुख्य गुर्गों में अमर दुबे, प्रभात, अतुल, रामसिंह यादव, जिलेदार थे। जो कि पुलिस के खिलाफ उस दिन मुख्य रुप से मोर्चा संभाले हुए हैं।