लद्दाख- लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को एक बार फिर भारत और चीन की सेना के सैनिक आमने-सामने आ गए। सूत्रों के अनुसार पैंगोंग के पास रेजांग ला में करीब 40-50 सैनिक दोनों ओर से आमने-सामने आए। इस इलाके में भारतीय सेना के जवानों का कब्जा है, लेकिन चीनी सेना के 40-50 सैनिक इनके सामने आ गए। इससे दोनों के बीच तनाव बढ़ गया।
चीन की ओर से कोशिश की गई कि भारतीय जवानों को किसी तरह वहां से हटाया जाए और उस रेजांग ला की ऊंचाई पर कब्जा कर लिया जाए। हालांकि, चीनी सेना के ये मंसूबे सफल नहीं हो पाए। भारतीय सेना के आगे चीनी सैनिकों को घुटने टेकने पड़े। इससे पहले, पीएलए ने सोमवार देर रात को आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के पास चेतावनी देने के लिए गोलियां चलाईं। चीन के इस दावे को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया था।
भारतीय सेना पर लगाया गोली चलाने का आरोप
चीनी सरकार का मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने लिखा,
‘भारतीय सेना ने पैंगोंग सो झील के दक्षिणी छोर के पास शेनपाओ की पहाड़ी पर एलएसी को पार किया। भारतीय जवानों ने बातचीत की कोशिश कर रहे पीएलए के बॉर्डर पट्रोल से जुड़े सैनिकों पर वार्निंग शॉट फायर किए जिसके बाद चीनी सैनिकों को हालात काबू में करने के लिए कदम उठाने पड़े।’
पीएल के वेस्टर्न थियेटर कमांडर के प्रवक्ता झांग शुई ने कहा, ‘हम भारतीय पक्ष से मांग करते हैं कि खतरनाक कदमों को रोके और फायरिंग करने वाले शख्स को सजा दे। ‘
साथ ही भारत यह सुनिश्चित करे कि ऐसी घटनाएं दोबारा ना हों। वहीं चीन के इस दावे को भारत ने सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि उसने कभी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पार नहीं की या गोलीबारी समेत किसी आक्रामक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया।
इसलिए खिसिया रहा चीन
भारतीय सेना ने जब से अपना अदम्य पराक्रम दिखा कर काला टॉप, हेल्मेट टॉप और पैंगोंग 4 इलाके के कुछ हिस्से पर अपना कब्जा किया है तभी से ही चीन की हालत खराब है और लगातार घुसपैठ कर किसी भी तरह इन इलाकों पर कब्जा जमाना चाहता है। लेकिन भारतीय सेना उसके नापाक मंसूबों को सफल नहीं होने दे रही है। चीन इन इलाकों को इसलिए भी कब्जा जमाना चाहता है क्योंकि ये इलाके युद्ध और किसी भी अन्य वक्त में रणनीतिक तौर पर काफी अहम हैं, ऐसे में चीन की कोशिश है कि इन्हें तुरंत वापस लिया जाए।