कोरोनावायरस के संक्रमण के साथ ही इसके इलाज़ को लेकर दवाओं के भी परीक्षण हो रहे हैं। लोगों को वैक्सीन का इंतजार है। पूरी दुनिया में लगभग डेढ़ करोड़ लोग कोरोनावायरस की चपेट में आ चुके हैं। इलाज़ में एक बड़ा तबका जहां ठीक हो रहा है तो वहीं कुछ लोगों की मौत भी हुई है जिसके चलते मौतों का आंकड़ा भी लाखों में है। ऐसे में कोरोनावायरस के इलाज़ से जुड़ी दवा को लेकर वैज्ञानिकों ने बड़ा दावा किया है।
काम आ रही कॉलेस्ट्रॉल घटाने की दवाएं
दरअसल कोरोनावायरस के इलाज को लेकर येरुशलम के दो वैज्ञानिकों ने बताया है कि कॉलेस्ट्रॉल को कम करने की दवाओं से इस वायरस के इलाज में मदद मिल रही है। उन्होंने बताया है कि लैब टेस्टिंग में इसके सकारात्मक नमूने मिले हैं जो कि कॉलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवा पर किए गए हैं। इन दोनों वैज्ञानिकों के नाम प्रोफेसर नहमियास और डॉ. बेंजामिन टेनओवर हैं।
इन मरीजों को होता है हाई रिस्क
इन दोनों वैज्ञानिकों ने बताया है कि कोरोना के ये वायरस कार्बोहाइड्रेट की रूटीन बर्निंग को रोकने में काम करते हैं। जिससे फेफड़ों की कोशिकाओं में फैट जमा हो जाता है। उन्होंने बता कि इसी कारण हाई ब्लड शुगर और कॉलेस्ट्रॉल वाले मरीज अधिक रिस्क की स्थिति में पहुंच जाते हैं और उनके इलाज़ में अधिक दिक्कतें आती हैं।
खत्म होता है वायरस
वैज्ञानिकों ने इसको लेकर जानकारी दी कि फेफड़ों के इस फैट को खत्म करने के लिए कॉलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवा Fenofibrate के उपयोग पर फेफड़ों से फैट हटता है। जिससे कोरोनावायरस कमजोर पड़ जाता है ओर फिर दोबारा खुद को जन्म नहीं दे पाता है और इसके जरिए ही कोरोनावायरस का खात्मा हो जाता है।
आपको बता दें कि इस पूरे शोध की जानकारी देने वाले वैज्ञानिक बेंजामिन टेनोवर न्यूयार्क इकाहन स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉक्टर हैं। वहीं याकोव नहमियास येरुशलम के मशहूर हिब्रू विश्विद्यालय के प्रोफेसर हैं। ये दोनों वैज्ञानिक तीन महीने से कोरोनावायरस के इलाज़ की दवाओं और वैक्सीन को लेकर शोध कर रहे हैं। आपको बता दें कि जब इन्होंने कोरोनावायरस के फेफड़ों से जुड़े राज सामने रखे थे तो पूरी दुनिया ने इनकी बातों को तवज्जो दी थी