नई दिल्ली- कोरोना वायरस महामारी की वजह से सभी क्षेत्रों में नुकसान हुआ है। नौकरी पेशा लोगों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ा है। एक ओर जहां करोड़ों लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा, वहीं दूसरी ओर जो लोग नौकरी कर रहे हैं, उनके वेतन में कटौती की जा रही है।
सीएमआईई की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इकनॉमी यानी सीएमआईई ने कहा है कि जुलाई के महीने में करीब 50 लाख लोगों की नौकरी गई है, जिसके चलते कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन की वजह से नौकरी गंवाने वालों की संख्या 1.89 करोड़ तक पहुंच गई है। जून में अनलॉक की प्रक्रिया के साथ ही नौकरियां में कुछ रिकवरी दिखने लगी थी, लेकिन लोकल लेवल पर लगने वाले छोटे-छोटे लॉकडाउन की वजह से जुलाई में नौकरियों में फिर से गिरावट देखने को मिल रही है। ये लॉकडाउन तमाम कंटेनमेंट जोन में हो रहे हैं, ताकि कोरोना वायरस के प्रसार को रोका जा सके।
नौकरी दोबारा पाना होगा बहुत मुश्किल
सीएमआईई सीईओ महेश व्यास ने कहा, जबकि वेतनभोगियों की नौकरियां जल्दी नहीं जाती, लेकिन जब जाती हैं तो दोबारा पाना बहुत मुश्किल होता है, इसलिए ये हमारे लिए चिंता का विषय है। व्यास ने कहा, 2019-20 में वेतनभोगी नौकरियां औसतन लगभग 190 लाख थीं। लेकिन पिछले वित्त वर्ष में इसकी संख्या कम होकर अपने स्तर से 22 प्रतिशत नीचे चली गई।
सीएमआईई के नए आंकड़ों से यह भी पता चला है कि इस अवधि के दौरान लगभग 68 लाख दैनिक वेतन भोगियों ने अपनी नौकरी खो दी। हालांकि, इस दौरान लगभग 1.49 करोड़ लोगों ने किसानी की।
भारत में लगातार बढ़ रहे कोरोना केस
भारत में में अब कोविड पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 27,02,743 है, जिसमें 6,73,166 एक्टिव केस, 19,77,780 डिस्चार्ज केस और 51,797 मौतें शामिल हैं। देश ने सात अगस्त को 20 लाख का आंकड़ा छुआ था और बीते दस दिनों में ही छह लाख से अधिक मामले सामने आ गए।
हालांकि, राहत की बात ये है कि ठीक होने वाले रोगियों और सक्रिय मामलों के बीच का अंतर हर दिन बढ़ता जा रहा है। वर्तमान में ठीक हुए लोगों की संख्या सक्रिय मामलों की तुलना में 12 लाख से अधिक है।