बिकरू कांड में अमर दुबे की पत्नी ख़ुशी की भी थी संलिप्ता, जेल में रहेगी

कानपुर- उत्तर प्रदेश में कानपुर के बिकरू कांड के बाद एनकाउंटर में ढेर अमर दुबे की पत्नी खुशी के खिलाफ पुलिस के पास पर्याप्त सुबूत हैं इसलिए उसे जेल में ही रहना पड़ेगा। पुलिस के मुताबिक खुशी को पूरे घटनाक्रम की जानकारी थी। उसने अपराधियों की मदद भी की थी। आपको बता दें कि पुलिस ने अमर की पत्नी खुशी को भी साजिश में शामिल होने के आरोप में जेल भेज दिया था। अमर और खुशी की शादी 29 जून को हुई थी। उस शादी में विकास दुबे अपने परिवार सहित शामिल हुआ था।

दो जुलाई की रात 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी गई थी। पुलिस को खुशी के खिलाफ कोई सुबूत न मिलने पर उसे रिहा करने की तैयारी की थी कि इस बीच विकास के साथी शशिकांत की पत्नी मनु की कॉल रिकॉर्डिंग वायरल हो गईं। इसके बाद खुशी भी संदेह के दायरे में आ गई। मामले की पड़ताल की गई तो खुशी के खिलाफ भी साजिश में शामिल होने के साक्ष्य मिले। इसके बाद उसका भी नाम जोड़ लिया गया था। आईजी मोहित अग्रवाल का कहना है कि खुशी के खिलाफ कई साक्ष्य मिले हैं।

ये था पूरा मामला

बिकरू कांड में अमर दुबे की पत्नी ख़ुशी की भी थी संलिप्ता, जेल में रहेगी

2 जुलाई की रात पुलिस की एक टीम विकास दुबे के घर दबिश देने गई थी, जिसकी भनक विकास दुबे को पहले ही पुलिस के द्वारा लग गई थी। इसके बाद विकास दुबे ने पुलिस वालों पर हमला कर दिया, जिसमें उसके कई साथी मौजूद थे। इस हमले से पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए थे। हत्याकांड के मुख्य आरोपी विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया गया था।

उत्तर प्रदेश आते समय कानपुर के पास पुलिस की गाड़ी पलट गई। इसी बीच भागने के दौरान एनकाउंटर में मारा गया। इस प्रकरण में विकास समेत उसके पांच साथी मारे गए थे। इसमे उसका खास गुर्गा अमर दुबे भी शामिल था जिसे पुलिस ने हमीरपुर में मार गिराया था।

खुशी निकली नाबालिग

खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बताया कि बोर्ड के सामने खुशी के शैक्षिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए। उसकी जन्मतिथि 21 अगस्त 2003 पाई गई है। इस आधार पर वारदात वाले दिन खुशी की उम्र 16 वर्ष 10 माह 12 दिन निकली। किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट कमलकांत गुप्ता व सदस्य नरेन्द्र मिश्र ने उसे किशोरी घोषित कर दिया।

मामले की प्रारंभिक निर्धारण सुनवाई के लिए पत्रावली 8 सितंबर को बोर्ड में तलब की है। इसके साथ ही बोर्ड ने आदेश की प्रति एडीजे एंटी डकैती कोर्ट को भेजी है। आपको बता दें कि 29 जून को खुशी की शादी अमर से हुई थी। खुशी केवल दो दिन ही ससुराल में रही थी।

इसी बीच घटना हो गई। पुलिस ने खुशी को हत्या करने, घटना के षड्यंत्र में शामिल होने व जानलेवा हमले समेत पूरे घटनाक्रम में संलिप्त बता दिया। सामाजिक संगठनों के साथ आम लोगों ने भी पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे।

 

 

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