एसटीएफ की मुठभेड़ में मारा गया प्रभात मिश्रा था नाबालिग, नहीं था कोई अपराधी

कानपुर एनकाउंटर मामले में हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के साथी प्रभात मिश्रा उर्फ कार्तिकेय को पुलिस और एसटीएफ की टीम ने मार गिराया था। वह 16 साल का नाबालिग था। यह दावा उसकी बहन हिमांशी का है। उसने एक साल पहले ही 10वीं की परीक्षा पास की थी। परिवारवालों का कहना है कि कानपुर चौबेपुर के बिकरू कांड में पुलिस ने फर्जी तरीके से फंसाकर प्रभात को मार डाला। प्रभात और उसके परिवार के किसी सदस्य का कोई क्रिमिनल रिकार्ड भी नहीं है।

10वीं की मार्कशीट में जन्म तारीख दर्ज है 27 मई 2004…

प्रभात की बहन हिमांशी का दावा है कि उसके भाई ने 2019 में ही 10वीं की परीक्षा पास की थी। उसने प्रभात की मार्कशीट और आधार कार्ड भी मीडिया को दिखाया। 10वीं की मार्कशीट में जन्म तारीख 27 मई 2004 दर्ज है. परिवार चीख-चीख कर कह रहा है कि पुलिस ने बिकरू कांड में प्रभात को फर्जी तरीके से फंसाकर एंकाउंटर कर दिया। बिकरू कांड के बाद पुलिस ने घर पर तीन बार दबिश दी थी पुलिस को कुछ भी नहीं मिला था। जिससे कि प्रभात को वह अपराधी सिद्ध कर सकती।

पुलिस बोली बिकरू कांड में शामिल था प्रभात, पुलिस कर्मियों का है हत्यारा

वहीं पुलिस का दावा है कि प्रभात बिकरू कांड में शामित था। उसने पुलिस कर्मियों पर गोलियां बरसाई जिससे कई पुलिस कर्मी शहीद हो गए। प्रभात, अमर दुबे के के बाद विकास का सबसे करीबी था। पुलिस ने उसे फरीदाबाद से गिरफ्तार किया था। पुलिस प्रभात को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर कानपुर आ रही थी।

इस दौरान पनकी में पुलिस की गाड़ी खराब हो गई, तभी मौका पाते ही प्रभात एसटीएफ के दरोगा की पिस्टल छीनकर भागने लगा। पुलिस के रोके जाने पर उसने ताबड़तोड़ फायरिंग पुलिस टीम पर शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी कार्यवाई में गोली लगने से प्रभात घायल हो गया। हैलट अस्पताल में ले कर पुलिस टीम पहुंची तो वहां मौत हो गई।

 

 

 

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