अब 2036 तक रूस के राष्ट्रपति रहेंगे ब्लादिमीर पुतिन
MOSCOW, RUSSIA - JUNE 30, 2020: Russia's President Vladimir Putin attends via video link the inauguration ceremonies for new medical centres built by Russia's Defence Ministry in Dagestan, Voronezh Region, and Penza Region. Alexei Druzhinin/Russian Presidential Press and Information Office/TASS (Photo by Alexei DruzhininTASS via Getty Images)

रूस के राष्ट्रपति पद पर ब्लादिमीर पुतिन के 2036 तक बने रहने के लिये मतदाताओं ने संविधान संशोधन में मत दे दी है। जिसे राष्ट्रपति के पद पर 16 वर्ष बने रहने का लगभग रास्ता साफ हो चुका है। जबकि कई मीडिया में जनमत संग्रह के दौरान लोगो पर दबाव बनाने का आरोप लगा है। इस अभियान में हिस्सा लेने वाले में से लगभग 77 प्रतिशत लोग संविधान संशोधन के पक्ष में अपना मत दिया है।

मतदान प्रक्रिया में लगा समय—

अब 2036 तक रूस के राष्ट्रपति रहेंगे ब्लादिमीर पुतिन

इस जनमत संग्रह को पुतीन के सत्ता पर कायम रहने के लिये किया गया, लेकिन जनता के मतदान कराने के लिये अपनाये गए ये गैर पारंपरिक तरीको से इनकी छवि खराब भी हो सकती है। वहीं राजनीति विश्लेषक और क्रेमलिन के पूर्व राजनीतिक सलाहकार ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे को दरकिनार कर पुतिन द्वारा मतदान कराया जाना उनकी कमजोरियों को दर्शाता है।

पुतिन को अपने करीबी पर विश्वास नहीं—-

राजनीतिक सलाहकार ने कहा कि पुतिन को अपने करीबियों को विश्वास हासिल नही कर सके। जिसकी वजह से वे चिंतित थे कि आगे क्या होगा। और कहा कि इन्हें पुख्ता सबूत चाहिए था कि जनता उनका समर्थन करती है या नहीं।

 

 

 

 

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