भारत और चीन के बीच में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर काफी लंबे समय से तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है. जम्मू कश्मीर के लद्दाख में स्थित पैंगोंग त्सो झील के पास भारतीय सेना और चीन सेना के बीच में झड़प हुई थी, जिससे स्थिति काफी गंभीर बनी हुई है. कई महीनों से इस तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए चीन के रक्षा मंत्री वे फेंग ने हमारे देश भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी से मुलाकात की इच्छा जताई है.
चीन के रक्षा मंत्री ने अपील की है कि वह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी से मुलाकात करना चाहते हैं. उन्होंने यह अनुरोध किया है कि वह मुलाकात करना चाहते हैं, जिससे कि मामला कुछ सुलझाया जा सके.
आपको यह भी बता दें कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) तनावपूर्ण स्थिति के बीच में ही भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी शंघाई सहयोग संगठन SCO की एक बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. यह बैठक रूस के मास्को में आयोजित की गई है जिसमें चीन के रक्षा मंत्री वे फेंग भी मौजूद होंगे. उसी दौरान बृहस्पतिवार को भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगु से भी मुलाकात की थी.
यह भी खबर आई थी कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी ने चीन के किसी भी प्रतिनिधि से बात नहीं की थी. एक अहम जानकारी यह है कि जहां रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को में पहले से मौजूद है, वहीं 10 सितंबर को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मॉस्को पहुंचने वाले हैं. भारतीय विदेश मंत्री SCO में विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे.
यह संकेत भी देखने को मिले हैं, कि भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीन के रक्षा मंत्री वे फेंग की जल्द ही मुलाक़ात हो भी सकती है. लेकिन खबर यह भी आ रही है कि अभी भारत की तरफ से मुलाकात की आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. फिर भी अगर भारतीय रक्षा मंत्री और चीनी रक्षा मंत्री के बीच यह मुलाकात होती है तो यह बहुत ही अहम मीटिंग मानी जाएगी.
वहीं पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के हालात को देखते हुए पिछले कई दिनों से हर रोज बॉर्डर पर भारत और चीन के ब्रिगेड कमांडर की बात चल रही है. फिर भी उससे कोई खास नतीजा नहीं निकला है. हालात का जायजा और विशेष जानकारी लेने के लिए सेना प्रमुख एमएम नरवाने बॉर्डर पर पहुंचे.
शुक्रवार को सेना प्रमुख एमएम नरवाने ने एक अहम बयान भी दिया, जिसमें उन्होंने यह बताया कि बॉर्डर पर स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है और अभी कोई सुधार देखने को नहीं मिले हैं.