लखनऊ: 2 जुलाई को कानपुर में हुए बिकरू कांड का मुख्य आरोपी विकास दुबे अपने रसूख का प्रयोग अपने चहेतों को लाभ देने के लिए भी करता था। वहीं विकास दुबे की मौत के बाद लोग अब सामने आ रहे हैं और कई तरह के खुलासे भी कर रहें हैं। बताया जा रहा है कि अपने रसूख के दम पर चहेते अनुराग अवस्थी उर्फ सिन्नी की पत्नी रानो को इसी साल निर्विरोध प्रधान बनवाया।
इसी कड़ी में आगे उसके छोटे भाई अविनाश की पत्नी सीमा को अधिकारियों से मिलीभगत कर मार्च-2020 में सरकारी राशन का कोटा दिलवा दिया। बता दें कि नियम के अनुसार किसी भी जनप्रतिनिधि या उसके परिवार वाले को कोटा नहीं दिया जा सकता है।
जिला प्रशासन को दिया फर्जी हलफनामा
वहीं आगे लोगों ने शिकायत में यह भी बताया है कि अनुराग अवस्थी ने जिला प्रशासन को एक फर्जी हलफनामा भी दिया है। इसमें प्रधान और कोटेदार को एक-दूसरे का संबंधी न होने की बात लिखी गई है। जिसके बाद ऐसे में कोटा देने से पहले जांच करने गए शिवराजपुर खंड अधिकारियों की भूमिका पर भी संदेह जताया जा सकता है।
आरोप है कि जब ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन व अन्य अधिकारियों से की, तो प्रधान और उसके साथियों ने जान से मारने की धमकी भी दे डाली। जिसके बाद पूरा मामला संज्ञान में आया और डीआईजी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने शुक्रवार को सीओ बिल्हौर संतोष को जांच के आधार पर मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
इन लोगों को भी बनवाया था निर्विरोध प्रधान
आपको बताते चलें कि बिकरू गांव से अपने भाई दीपू की पत्नी अंजली, शार्प शूटर विष्णुपाल उर्फ जिलेदार को भीटी, रामपुर से सगी बहन रानी तिवारी, बसेन से अपने भांजे शिव तिवारी, दिलीपनगर से अनुराग अवस्थी उर्फ सिन्नी, जादेपुर से पुल्लू उर्फ अनुराग, कंजटी से वेदप्रकाश समेत कई लोगों को निर्विरोध ग्राम प्रधान बनाया गया। साथ ही कई को कोटा भी दिलवाया। डीआईजी के अनुसार जिला प्रशासन की सहायता से मामले की जांच-पड़ताल कराई जाएगी।