जेनेवा- कोविड-19 के कारण जहां पूरी दुनिया त्रस्त है और हर कोई उसके वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, ऐसे समय में डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन को लेकर एक चेतावनी दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस एडहोम घेब्रेयसिस ने कहा है कि यह वैक्सीन कोई जादुई गोली नहीं होगी जो कोरोना वायरस को पलक झपकते खत्म कर देगी। डब्लूएचओ के महानिदेशक ने ये भी कहा कि हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है इसलिए सबको साथ मिलकर प्रयास करने होंगे।
वैक्सीन की सफलता पर कई वैज्ञानिकों को संदेह
अमेरिका में जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय के मिलकेन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ में वैश्विक स्वास्थ्य के सहायक प्रोफेसर वैक्सीनोलॉजिस्ट जॉन एंड्रस ने भी कहा कि कोरोना वायरस के एक प्रभावी टीका का विकास इतना निश्चित नहीं है जितना हम सोच रहे हैं। यह खतरनाक है कि वैक्सीन बनाने की रेस में हम यह भूल जाएं कि हमें इस समय क्या करना चाहिए।
रूस ने किया वैक्सीन का पहला टीका लगाया गया
कोरोना वैक्सीन को लेकर रूस ने बड़ा दावा किया है। रूस का कहना है कि उसने कोरोना की पहली वैक्सीन तैयार कर ली है और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी को वैक्सीन का टीका लगाया गया। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ऐलान किया कि ये दुनिया की पहली सफल वैक्सीन है और रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे मंजूरी दे दी है।
रूस का दावा है कि वह कोविड-19 टीके को स्वीकृति देने वाला पहला देश बनने गया है जहां अक्टूबर की शुरुआत में उन टीकों की मदद से सामूहिक टीकाकरण किया जाएगा जिनका अभी तक क्लिनिकल परीक्षण पूरा नहीं हुआ है। दूसरी ओर दुनिया भर के वैज्ञानिक चिंतित हैं कि कहीं अव्वल आने की यह दौड़ उलटी न साबित हो जाए।
वैक्सीन पर अमीर देशों को चेताया
एक दिन पहले डब्ल्यूएचओ ने वैक्सीन पर राष्ट्रवाद के खिलाफ चेतावनी दी थी। डब्ल्यूएचओ ने अमीर देशों को आगाह करते हुए कहा था कि यदि वे खुद के लोगों के उपचार में लगे रहते हैं और अगर गरीब देश बीमारी की जद में हैं तो वे सुरक्षित रहने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं।