नई दिल्ली: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने जब सितंबर 2014 भारत दौरा किया और देश के पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने अहमदाबाद पहुंचे। वहीं उससे करीब चार महीने पहले चीनी निवेशकों का रुख भारत के स्टार्टअप बढ़ने लगा था। जून 2014 में चीनी कैब प्रोवाइडर कंपनी डीडी चुइंग और टेंसेंट में निवेश की घोषणा की थी।
वहीं राष्ट्रपति शी के दौरे के छः महीने बाद तो इंडिया के स्टार्टअप में चीनी निवेशकों की लंबी लाइन लग गई। जिसमें अलीबाबा से लेकर फोसुन, आंट फाइनेंशियल जैसी तमाम बड़ी कंपनियों ने निवेश किया। साल 2015 से अब तक चीन की 10 बड़ी कंपनियों ने 31 निवेश किए हैं। गेटवे हाउस ऑफ इंडियन काउंसिल ऑन ग्लोबल रिलेशंस की मार्च 2020 की रिपोर्ट के अनुसार देश के सभी स्टार्टअप में चार बिलियन डॉलर लगा हुआ है।
Indian E-C0mmerce में अलीबाबा ने ली यूं एंट्री
Traxn की रिपोर्ट के अनुसार, अलीबाबा ग्रुप ने पेटीएम से भारत में एंट्री की और फरवरी 2015 में 213 मिलियन डॉलर का निवेश किया। जिसके बाद उसने पेटीएम में दूसरा निवेश सितंबर 2015 में 472 मिलियन डॉलर का किया। इसके बाद अलीबाबा ने देश की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों में से एक स्नैपडील में अगस्त 2015 में 500 मिलियन डॉलर का निवेश किया।
इसके बाद इंडिया के ई-कॉमर्स सेक्टर में दखल बढ़ाने के लिए पेटीएम मॉल में पहला निवेश मार्च 2018 को 200 मिलियन डॉलर के साथ किया। वहीं अप्रैल 2018 में 453 मिलियन डॉलर का इंवेस्टमेंट किया। अलीबाबा ने फूड और ग्रोसरी एप बिग बास्केट में साल 2018 में 300 मिलियन डॉलर और उसके बाद मार्च 2019 में 150 मिलियन डॉलर खर्च किए।
Byjus, Hike, Ola में है Tencent टेंसेंट का निवेश
चीनी कंपनी टेंसेंट को भी इंडियन स्टार्टअप लुभाते रहे हैं। Traxn की रिपोर्ट के अनुसार उसने अपना बड़ा निवेश मैसेजिंग ऐप हाइक मैसेंजर में अगस्त 2016 में 175 मीलियन डॉलर का किया था। इसके बाद टेंसेंट ने जुलाई 2017 में पहले बायजूस ई-लर्निंग एप में 40 मीलियन डॉलर का निवेश किया और उसके बाद इस ऐप को बढ़ाने के लिए मार्च 2019 में 34.5 मीलियन डॉलर दिए।
कैब की व्यवस्था कराने वाली कंपनी ओला में भी चीनी निवेशक ने अक्टूबर 2017 में 1.1 बिलियन डॉलर का निवेश किया। स्वीगी में टेंसेंट ने 2 और चीनी कंपनियों के साथ मिलकर दिसंबर 2018 में 1 बिलियन डॉलर का निवेश किया था। वहीं गेमिंग ऐप ड्रीम 11 में टेंसेंट ने सितंबर 2018 में 100 मिलियन डॉलर का निवेश किया था।
इन चीनी निवेशकों ने भी लगाया पैसा
Traxn की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की सबसे बड़ी कैब प्रोवाइडर कंपनी डीडी चुइंग का ओला में 500 मिलियन डॉलर और ओयो रूम्स में 100 मिलियन डॉलर का निवेश है। फोसुन ने डेलिवरी में करीब 500 मिलिन डॉलर का निवेश किया है। जोमाटो में शुनवे कपिटल में करीब 62 मिलियन डॉलर और आंट फाइनेंशियल के 2 निवेशों के तहत 350 मिलियन डॉलर से ज्यादा लगा हुआ है।
इन कंपनियों में भी हुए चीनी निवेश
भारतीय स्टार्टअप चीनी निवेशक कुल निवेश (मिलियन डॉलर्स में) ओला डीडी चुइंग 500 ओयो रूम्स चीन लॉजिंग ग्रुप,
डीडी चुइंग 272
100 जोमाटो शुनवे कैपिटल,
आंट फाइनेंशियल 62
362 स्वीगी मेशुआन,
हिलहाउस कैपिटल 310
1 बिलियन फोसुन डेलिवरी 443