नई दिल्ली: शुक्रवार की सुबह भारतीय सेना ने चीन को उसकी ही सीमा के करीब जाकर एक बार फिर अपने सैन्य बल का प्रदर्शन किया। खास बात ये रही कि इस दौरान भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह भी भारतीय सेना के साथ मौक़े पर थे। इस मौके पर उन्होंने भी बंदूक उठा ली और उसकी नली चीन की तरफ तान दी। देश के रक्षामंत्री का अंदाज देखकर सैनिकों के बुलंद हौसलों में एक नई ऊर्जा आ गई।
लेह पहुंचे रक्षामंत्री
दरअसल भारतीय सेना के मनोबल बढ़ाने और चीन की सीमाओं पर अन्य स्थितियों का जायजा लेने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दो दिवसीय दौरे हैं। जहां उन्होंने आज लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल के पास जाकर भारतीय सेना का युद्धाभ्यास देखा और चीन के साथ तनातनी के बीच सैनिकों में जोश भरा।
इसके साथ ही वो वहां की फॉरवर्ड पोस्ट पर भी पहुंचे जो लेह और भारतीय सीमा के लिए बेहद अहम मानी जाती है। इस दौरान उनके सीडीएस बिपिन रावत भी मौजूद थे।
कश्मीर भी जाएंगे राजनाथ सिंह
आपको बता दें कि रक्षामंत्री लेह लद्दाख के बाद अपने इस दौरे में कश्मीर भी जाएंगे और कश्मीर की ताजा स्थिति का जायजा लेंगे। खबरों के मुताबिक वो वहां एलओसी के फॉरवर्ड पोस्ट की भी समीक्षा करेंगे जहां पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतें करता रहता है।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भारत का साफ मानना है कि वो भारत का है। इसको लेकर अब पाकिस्तान के में भी डर बैठ गया है जिसके चलते वो आए दिन आतंकी एक्सपोर्ट करता रहता है। उन सभी आतंकियों को जांबाज भारतीय सेना के जवान ठिकाने लगा देते हैं।
Leaving for Leh on a two day visit to Ladakh and Jammu-Kashmir. I shall be visiting the forward areas to review the situation at the borders and also interact with the Armed Forces personnel deployed in the region. Looking forward to it.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) July 17, 2020
पाकिस्तान चीन को सख्त संदेश
आपको बता दें कि भारतीय सेना के युद्धाभ्यास के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का वहां जाना एक सशक्त रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। पाकिस्तान हमेशा ही चीन की शह पर भारत को आंख दिखाता रहता है। इस मामले में जब से भारत और चीन के बीच विवाद शुरू हुआ है तब से पाकिस्तान अपनी सीमा पर लगातार सैन्य मौजूदगी बढ़ा रहा है।
पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और फिर अब रक्षा मंत्री का वहां जाना चीन की विस्तारवादी नीति और पाकिस्तान के आतंकी रवैए दोनों को संदेश है कि भारत अपनी रक्षा करने में सक्षम है और दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।
जारी है विवाद
आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच लगभग दो महीनों से विवाद चल रहा है। 15 जून को लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 जवानों की शहादत हुई थी जिसके चलते लंबे वक्त से चीन के साथ बातचीत की टेबल पर बात हो रही है तो दूसरी ओर भारत अपनी शक्तियों को सीमा पर धीरे-धीरे बढ़ाता जा रहा है।
भारतीय सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम से चीन को ये संदेश दे दिया है कि हम झुकेंगे नहीं, तो वहीं राजनीतिक इच्छाशक्ति के मामले भी भारत सरकार का रवैया भारतीय सेना के मनोबल को बढ़ा रहा है।