विदेश जाकर पढ़ने वाले करीबन 1 लाख छात्रों को अब भारत में ही पढ़ाने की तैयारी

कोरोना काल में चुनौतियों के समय शिक्षा को लेकर नई उम्मीद जताई गई है। जो हर साल में विदेश जा कर पढ़ते हैं। जिसकी वजह से वे अपने देश मे रुकते नही थे। अब सरकार एक ऐसी योजना बना रही है, जिससे कि हर साल विदेश जाकर पढ़ने वाले लाखों छात्रों को अब देश में ही रोककर पढ़ाया जाएगा.

सरकार द्वारा छात्रो को देश में ही रोकना है लक्ष्य

एक रिपोर्ट के मुताबिक देश से करीबन हर साल सात लाख छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं। जिन्हें सरकार एक योजना बना रही जिससे छात्र अपने ही देश मे पढ़ाई कर सकें। कोरोना को देखते हुए सरकार फायदा उठाने में जुटी हुई है।

मंत्रालय की एक रिपोर्ट की माने तो देश से हर साल करीब सात लाख छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में जाते है। जहां पढ़ाई पर हर साल वह करीब एक लाख करोड़ खर्च करते है। वहीं पढ़ाई के बाद इनमें से ज्यादा छात्र वहीं जॉब भी हासिल कर लेते है। ऐसे में उनकी प्रतिभा का पूरा फायदा दूसरे देश को मिलता है। इसके चलते देश को प्रतिभा और पैसे दोनों ही मोर्चे पर नुकसान उठाना पड़ता है।

कोरोना संकटकाल में मंत्रालय के भीतर इन छात्रों को रोकने की कवायद तब जोर पकड़ी, जब विदेशों में पढ़ाई की योजना बनाए बैठे छात्रों और उनके अभिभावकों ने मंत्रालय से संपर्क कर देश में ही बेहतर पाठ्यक्रम और मौके उपलब्ध कराने की मांग की।

 

 

 

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