नई दिल्ली- सशस्त्र बलों में लैंगिक समानता की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, पहली बार दो महिला भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर तैनात होंगी। सब लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह युद्धपोतों के डेक से संचालन करने वाली भारत की पहली महिला एयरबोर्न टेक्नीशियन होंगी। इन महिला अधिकारियों ने भारतीय नौसेना के युद्धपोतों पर तैनात होने वाली पहली महिला बनकर इतिहास रच दिया है। दोनों कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हैं और उन्हें 2018 में नौसेना में कमीशन किया गया था।
इन्हें हेलीकॉप्टर स्ट्रीम में ऑब्जर्वर के तौर पर नियुक्त किया गया है। कोच्चि में आईएनएस गरुड़ में आयोजित समारोह में ऑब्जर्वर के तौर पर ग्रेजुएट होने पर ‘Wings’ से सम्मानित किया गया है।
अब तक महिलाओं को नहीं थी इजाजत
उप लेफ्टिनेंट कुमुदिनी त्यागी और उप लेफ्टिनेंट रीती सिंह दोनों ने दक्षिणी नौसेना कमान, कोच्चि में भारतीय नौसेना के ऑब्जर्वर कोर्स को पास किया और दोनों को हेलिकॉप्टर स्ट्रीम में ऑब्जर्वर ( एयरबोर्न टेक्निशियंस) के पद के लिए चुना गया। यह भारतीय नौसेना में जेंडर इक्वलिटी की तरफ एक बड़ा कदम है।
अब तक युद्ध पोतों पर प्राइवेसी के लिहाज से महिलाओं की तैनाती लंबे समय के लिए नहीं की जाती थी और यहां महिलाओं के लिए वॉशरूम भी नहीं है। लेकिन अब इन दोनों महिला अधिकारियों के आने के बाद इसमे बदलाव होना निश्चित है। भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मढ़वाल ने बताया कि युद्धपोत में महिलाओं की एंट्री पर अब तक रोक थी।
सफेद वर्दी को पहनना था सपना
सब लेफ्टिनेंट रीति सिंह हैदराबाद की रहने वाली हैं। सशस्त्र बलों में सेवा करने वाली रीति सिंह अपने परिवार की तीसरी पीढ़ी से हैं। उनके दादा आर्मी में थे और उनके पिता नौसेना में। रीति सिंह ने इस ऐतिहासिक पल पर कहा, “इस सफेद वर्दी को पहनना मेरा सपना था।” वहीं सब लेफ्टिनेंट, कुमुदिनी त्यागी गाजियाबाद की रहने वाली हैं।
उन्होंने बताया कि “2015 में नौसेना के एक विमान दुर्घटना में महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट किरण शेखावत की मृत्यु हो गई थी। इस घटना ने मुझे नौसेना विमानन विंग में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। नौसेना के जवान जमीन, हवा और पानी पर काम करते हैं और यह एक चुनौती थी, जिसे मैं उठाना चाहती थीं।”