उत्तर प्रदेश विधानसभा सत्र में पक्ष- विपक्ष के बीच कानून- व्यवस्था, ब्राहमणों हो रहे अत्याचारों को लेकर योगी सरकार की घेराबंदी की जा रही है। उधर, योगी सरकार कोरोना महामार को लेकर किए स्वास्थ्य इंतजाम और राम मंदिर का निर्माण कार्य शुरू करने को लेकर अपनी पीठ थपाथपा रही है। कोराना काल में बुलाए गए विधानसभा के सत्र में सरकार और विपक्षी पार्टियों के बीच जोरदार बहस हो रही है।
यूपी विधानसभा के बाहर तमाम विपक्षी पार्टियों की ओर धरना- प्रदर्शन दिया गया। शनिवार को सीएम योगी आदित्याथ ने इस सभी मुद्दे पर विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि- जो राजनीतिक दल तिलक- तराजू कर के बाद सोशाइटी में बंटवारा करता था यो जो राम भक्तों पर फायिरंग कराता था, वो सभी लोग अब राम का नाम ले रहे हैं। ये इशारा साफतौर पर सपा के कार्यकाल में हुए अयोध्या में गोलीकांड को लेकर था।
1990 में पूर्व सीएम मुलायम सिंह ने कारसेवकों पर गोली चलवाई थी।
विदित है कि साल 1990 में यूपी के मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव थे। उस दौरान सीएम मुलायम सिंह यादन विवादित ढांचे को बचाने के लिए कारसेवकों पर फायरिंग करा दी थी। पुलिस की फायरिंग करने की वजह से इसमें 16 लोगों की मौत हो गई थी। और कई दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। रामजन्म भूमि- बाबरी मस्जिद विवादों ढाचे को ढहाने के लिए पूरे देश भर से लोग आए थे।
सपा-बसपा ने किया योगी सरकार की घेराबंदी
इससे पहले समाजवादी और बसपा पार्टी ने ब्राहमणों पर हो रहे अत्याचारों का जोर शोर से मुद्दा उठाते हुए परशुराम की मूर्ति निर्माण कराने के लिए कहा था। इस बात पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि-
“राम का नाम तो ऐसा है चाहे राम के नाम पे लें, चाहे तो परशुराम के नाम पे, या मरा-मरा के नाम से। भारत में राम के नाम से ही बैतरनी पार होने वाली है।”