कन्नौज- उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के भग्गीपुरवा गांव निवासी बीएसएफ जवान वीरपाल सिंह देश की सीमा की सुरक्षा करते हुए शहीद हो गए। बताया जा रहा है कि शहीद वीरपाल सिंह जम्मू-कश्मीर के सुंदरी वन में तैनात थे। सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए वह अपने साथियों के साथ पाकिस्तान बॉर्डर पर पेट्रोलिंग कर रहे थे, तभी ऊंची पहाड़ी से उनका पैर फिसल गया और वह 50 मीटर गहरी खाई में जा गिरे।
इस खबर से परिवार के साथ गांव में शोक छा गया है। वहीं, जवान की शहादत पर प्रदेश के मुखिया ने शोकाकुल परिवार को अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की और साथ ही हर संभव मदद करने का ऐलान किया है। एसडीएम ने भी अधिकारियों के साथ घर जाकर परिजनों ने जानकारी ली और उन्हें सांत्वना दी।
1995 में शामिल हुए थे बीएसएफ में
भग्गीपुर्वा गांव के वीरपाल (50) पुत्र रतीराम बीएसएफ में थे। बेटे चमन ने बताया कि देर रात बीएसएफ के अधिकारियों ने बताया कि बार्डर पर पेट्रोलिंग करते समय पैर फिसलने से वह नीचे जा गिरे थे। बेटे ने बताया कि पिता वर्ष 1995 में अहमदाबाद में 69 बटालियन बीएसएफ में भर्ती हुए थे।
प्रारंभिक शिक्षा प्राथमिक विद्यालय बिलंदपुर से प्राप्त करने के बाद वीरपाल ने सुभाष इंटर कॉलेज नादेमऊ से आगे की पढ़ाई की थी। उनके पिता रतीराम की मृत्यु पांच वर्ष पहले हुई थी। वीरपाल चार भाइयों में दूसरे नंबर के थे। वीरपाल के एक बेटा चमन और तीन बेटियां पूनम पाल, पारुल व दुर्गा पाल हैं।
वीरपाल की मां बोलीं बेटे की शहादत पर है गर्व
शहीद के परिजनों ने बताया कि वह जनवरी में गांव में आये थे और बेटी की शादी कर वापस काम पर जम्मू-कश्मीर लौट गए थे। वहीं वीरपाल की शहादत की खबर पर उनकी 72 साल की मां विद्यावती गुमशुम हो गईं। खुद को संभाल कर बोलीं, बेटे की शहादत पर गर्व है। बेटे की जान वतन के काम आई है।