कानपुर चौबेपुर के बिकरू एनकाउंटर मामले में मुखबिरी के आरोप में गिरफ्तार चौबेपुर थाने के तत्कालीन सब इंस्पेक्टर केके शर्मा ने कहा कि उसे जान का खतरा है। उसने जान की दुहाई देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उसने कोर्ट से सुरक्षा मुहैया कराने और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
इस कड़ी में केके शर्मा ने पत्नी विनीता सिरोही के माध्यम से शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। उसने विकास दुबे और अन्य आरोपितों के एनकाउंटर का हवाला देते हुए कहा है कि उसकी और पत्नी दोनों की जान को खतरा है।
केके शर्मा ने कहा कि एसटीएफ उन्हें भी एनकाउंटर में मार सकती है। केके शर्मा ने सीबीआई अथवा अन्य किसी एजेंसी से पूरे मामले की जांच कराने की मांग की है।
चौबेपुर के बिकरू गांव में दो जुलाई की रात हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर डिप्टी एसपी देवेन्द्र कुमार मिश्र की अगुवाई में चौबेपुर समेत कई थानों की पुलिस टीम दबिश देने गई थी। इस बीच विकास दुबे और उसके साथियों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलीबारी कर दी थी। जिसमें डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे और सात गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
मामले में तत्तकालीन चौबेपुर थानाध्यक्ष विनय तिवारी और हल्का इंजार्ज (सब इंस्पेक्टर) केके शर्मा पर मुखबिरी का आरोप लगा था। दोनों विकास दुबे के करीबी थे और उसे पुलिस संरक्षण देते थे। दबिश से पहले उन्होंने फोन करके विकास दुबे को सूचना दी थी। जिसके बाद विकास ने अपने शूटर साथियों को बुलाकर असलहों की खेप मंगवाई और हत्या की पूरी तैयारी कर ली थी।
इसके बाद पुलिस टीम के पहुंचते ही उसने वारदात को अंजाम दे दिया। इस मामले में थानाध्यक्ष विनय तिवारी और केके शर्मा दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।