कानपुर बालिका बालगृह मामले में योगी सरकार ने लिया बड़ा फैसला, Dpo व संवासिनी गृह अधीक्षिका सस्पेंड
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में स्थित राजकीय बालिका बाल गृह में 22 जून को एक साथ 57 लड़कियों के कोरोना संक्रमित होने और पांच गर्भवती लड़कियों को भी संक्रमित होने की खबर सामने आई थी. इस मामले में सरकार स्तर पर जांच की गई और लापरवाही सामने आने पर जिला प्रोबेशन अधिकारी (DPO) अजीत कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है.

अधीक्षक हुए निलंबित

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इसी के साथ अनियमितताओं व लापरवाही के आरोप में अधिकक्षक मिथिलेश पाल को भी निलंबित किया गया है. गौरतलब है कि 22 जून  को बड़ी संख्या में लड़कियों के कोरोना संक्रमित होने पर पूरा प्रदेश हिल गया था. सभी राजनीतिक दल मामले पर जल्द से जल्द दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे थे. इस पर प्रदेश सरकार ने आनन-फानन में एक जांच कमेटी मिठाई और जांच में प्रथम दृष्टया जिला प्रोबेशन अधिकारी को दोषी पाया गया. उनकी लापरवाही के चलते ही इतनी बड़ी संख्या में  लड़कियों को संक्रमण हुआ और उनको जान को खतरा बना हुआ है.

5 गर्भवती महिलाओं में भी कोरोना संक्रमण

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पांच गर्भवती महिलाओं में भी करोना संक्रमण की पुष्टि हुई.  हालांकि सभी को क्वारंटाइन कर दिया गया है और गर्भवती का इलाज सुचारू रूप से जारी है. जिला अधिकारी डॉ ब्रह्मदेव तिवारी ने बताया कि

“बाल गृह में लड़कियों के संक्रमित पाए जाने के बाद ही पूरा बालिका बालिका गृह को सील कर दिया गया था. सभी को अलग-अलग जगह पर क्वारंटाइन किया गया है. गर्भवती का इलाज कराया जा रहा है.”

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