इंसान जब अपनी मेहनत के बल पर सफलता की सीढ़ी चढ़ता है तो वो सफलता कभी उसके सिर पर नहीं चढ़ती और हमेशा आम ही रहता है। आपने ऐसा कभी नहीं सुना होगा कि एक बिज़नेसमैन जो अरबों रूपये का मालिक हो, लेकिन उसके पास अपनी खुद की एक भी कार न हो। आज हम ऐसे इंसान के बारें में बताने जा रहे हैं, जो तमिलनाडु के रहने वाले वेलुमणि हैं, जो आज 3861 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं, लेकिन आज भी वो एक आम जिन्दगी जीते हैं। उनके पास कोई भी कार नहीं है और वो अब एक छोटे से घर में ही रहते हैं। वो अब भी ख़ास नहीं हुए हैं और आज भी वो आम ही हैं।
कई कंपनियों ने नौकरी देने से मना कर दिया
आपको बता दें कि वेलुमणि के बारे में कहा जाता है कि कई कंपनियों ने इन्हें नौकरी देने से मना कर दिया था, क्योंकि वो फ्रेशर थे। इसके बाद वेलुमणि ने अपनी मेहनत के बल पर करोड़ों रूपये की कंपनी खड़ी की। वेलुमणि एक भूमिहीन किसान के घर पैदा हुए लेकिन कई परेशानियों को सहन करते हुए उन्होनें उन परेशानियों को अपने लक्ष्य के आड़े नहीं आने दिया। सबसे बड़ी बात यह है कि वो एक फ्रेशर की दिक्कतों को समझते हैं, इसलिए अपनी कंपनी की हर पोस्ट पर फ्रेशर को जरूर नियुक्त करते हैं।
एक जोड़ी चप्पल खरीदने तक का नही था पैसा
वेलुमणि का जन्म तमिलनाडु के पुदुर गांव में एक ऐसे किसान के घर हुआ था जिनके पास अपनी जमीन तक नहीं थी। उनकी आरम्भिक पढाई भी गांव के ही एक सरकारी स्कूल में हुई थी। उस वक्त उनके पास इतने भी पैसे नहीं हुआ करते थे कि वो अपने लिए एक जोड़ी चप्पल तक खरीद सकें। वेलुमणि ने एक मीडिया चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि वो 10 पायदान वाले एक पिरामिड के सबसे निचले पायदान पर पैदा हुए लेकिन आज वो उसे पिरामिड के शिखर पर हैं, लेकिन ये सब करना आसान नहीं था। साल 1996 में वेलुमणि ने डायग्नोस्टिक लैब चेन थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज की शुरुआत की, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा।
वेलुमणि के पास कंपनी में 64 फीसदी शेयर हैं
थायरोकेयर का मार्केट 3861 करोड़ रुपए का मार्केट शेयर है। वेलुमणि के पास कंपनी में 64 फीसदी शेयर हैं जो उन्हें करीब 32.2 करोड़ डॉलर का मालिक बनाता है। आज वेलुमणि अपार संपत्ति के मालिक हैं लेकिन फिर भी वो एक आम आदमी की तरह ही ज़िंदगी जीते हैं और यही बात उन्हें बाकियों से अलग बनाती है।