यह घटना यूपी के प्रयागराज की है। एक पिता ने अपने बेटे की शादी पुतले से करा दी। उनका कहना है अनपढ़ बेटे की शादी सिर्फ़ इसलिए पुतले से करा दी, क्योंकि उन्हें डर था कि अनपढ़ से शादी करके किसी दूसरे के बेटी की ज़िंदगी बर्बाद हो सकती है। यह घटना घूरपुर इलाके की है।
सूत्रों की माने तो शिवमोहन पाल के 9 बेटे और 3 बेटियां हैं. सभी बच्चों की शादी वक्त पर हो गई. लेकिन, 8वें नंबर का पंचराज कुंवारा था. शिवमोहन मास्टर तक पढ़ाई किए हुए हैं. उनके बाकी बच्चे भी पढ़े-लिखे हैं, लेकिन पंचराच लाख कोशिशों के बाद भी नहीं पढ़ा. वह अनपढ़ रह गया. पंचराज घर के जानवरों को चराने का काम करता है.
शिवमोहन को इस बात का पछतावा है कि उन्होंने फैसला किया कि अनपढ़ पंचराज किसी लड़की का जब ख्याल नहीं रख सकता तो उसकी शादी क्यों कराई जाए. वह लड़की की ज़िंदगी ही बर्बाद करेगा. उन्होंने पंचराज को सबक सिखाने के लिए उसकी पुतले से शादी करा दी. उनका मानना है कि अनपढ़ गंवार लड़के के साथ किसी लड़की को विदा नहीं करना चाहिए.
रीति- रिवाज से हुई शादी –
इस शादी में बिल्कुल सामान्य शादियों की तरह हुई. मंडप सजाया गया. दुल्हा तैयार हुआ. पुतले की दुल्हन तैयार हुई. पंडित जी ने शादी की रस्में निभवाईं और फिर अग्नि को साक्षी मानकर दोनों ने 7 फेरे लिए. इस दौरान दोस्त-रिश्तेदारों को दावत भी दी गई.
इसलिए करा दी पुतले से शादी –
पंचराज के पिता को पता था कि पंचराज की शादी नहीं होगी तो हिंदू रीति-रिवाज से उसके निधन पर उसकी तेरहवीं भी नहीं हो पाएगी. ऐसे में वह अपने जीते-जी पंचराज की शादी करा देना चाहते थे, लेकिन इसके लिए वह किसी लड़की की जिंदगी बर्बाद नहीं करना चाहते थे. ऐसे में उन्होंने पुतले से ही उसकी शादी करा दी.
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