कानपुर- 8 पुलिसकर्मियों के हत्यारे विकास दुबे के एनकाउंटर के मामले एक बड़ा खुलासा हुआ है। कुख्यात अपराधी के एनकाउंटर के दो चश्मदीद गवाह भी हैं। न्यायिक आयोग के दौरे के बाद यह नया तथ्य सामने आया था, दोनों चश्मदीदों ने आंखों देखा हाल देखने का दावा किया है।
चश्मदीद के मुताबिक ये रहा पूरा घटनाक्रम
कानपुर के सचेंडी कस्बा निवासी दुर्गेश सिंह भदौरिया ने बताया कि वह डायबिटीज के मरीज हैं। वो प्रतिदिन सुबह टहलने जाते हैं। नौ जुलाई की सुबह भी करीब 5:30 बजे वह घर से टहलने के लिए निकले थे। उस दिन मौसम खराब था। अचानक तेज बारिश होने लगी।बारिश से बचने को वो श्री यार्ड के पास खड़े हो गए। उसी समय वहां से गुजर रही एक गाड़ी अनियंत्रित होकर पलट जाती है। तभी गाड़ी से एक लंबा चौड़ा व्यक्ति पिछले दरवाजे से हाथ में पिस्टल लेकर बाहर निकलता है और भागने लगता है।
दुर्गेश के मुताबिक कुछ दूर तक वो आदमी उल्टा दौड़ता है, जिससे कि पीछा कर रहे पुलिस वालों को देखकर गोलियां चला सके। उन्होंने दो राउंड गोलियों की आवाज भी सुनी। गोलियों की आवाज सुनकर वो डर गए और वापस घर लौट आए। वहीं विकास दुबे एनकाउंटर के दूसरे चश्मदीद गवाह कटरा घनश्यामपुर निवासी प्रदीप सिंह ने बताया कि अन्ना जानवरों का झुंड अचानक हाईवे पर आ गया। जानवरों को बचाने के चक्कर में गाड़ी अनियंत्रित हो गई और पलट गई।
न्यायिक आयोग की टीम ने हर पहलू को परखा
विकास दुबे कांड की जांच करने आई न्यायिक आयोग की टीम ने एनकाउंटर के हर पहलू पर पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की। टीम वारदात स्थल के बाद एक-एक करके एनकाउंटर स्थलों पर पहुंची। एनकाउंटर में शामिल रहे पुलिस कर्मियों सेे पूछताछ की।
जांच आयोग टीम के सवालों से पुलिस अधिकारियों के पसीने छूट गए। जांच आयोग ने विकास दुबे के एनकाउंटर में पुलिस की गाड़ी पलटने वाली जगह भौंती हाइवे का भी मुआयना किया।