नई दिल्ली- अपने बेबाक बोल के लिए जानी जाने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना सुशांत राजपूत के आत्महत्या मामले में बयान दिए जाने के चलते बीते कुछ दिनों से लगातार सुर्खियों में हैं। वो लगातार बॉलीवुड नेपोटिज्म, मुम्बई पुलिस को लेकर बयान गए रही हैं। रविवार को पंगा गर्ल कंगना के पिता ने मुंबई में उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था उपलब्ध करवाई है।
इस सुविधा के लिए उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह का शुक्रिया अदा किया है। हमारे देश में किसी की सुरक्षा की पांच श्रेणी हैं, जिन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय मुहैया करवाता है। अलग अलग श्रेणी के हिसाब से इनमें जवानों की संख्या भी तय होती है। आइये जानते हैं क्या होती है एक्स, वाई, जेड और जेड प्लस सिक्योरिटी। कितनी श्रेणी में किसे और किन परिस्थितियों में मिलती है सुरक्षा।
एक्स श्रेणी सुरक्षा
वीआईपी को दी जाने वाली ये शुरूआती सुरक्षा सिस्टम है। एक्स श्रेणी में केवल दो सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं। इन्हीं में से एक पीएसओ भी होता है।
वाई श्रेणी सुरक्षा
वाई कैटेगरी सुरक्षा व्यवस्था में देश के वो वीआईपी लोग आते हैं जिनको इसके तहत 11 सुरक्षाकर्मी मिले होते हैं। इनमें 1 या 2 कमांडो और 2 पीएसओ भी शामिल होते हैं।
जेड श्रेणी सुरक्षा
जेड श्रेणी की सुरक्षा में चार से पांच एनएसजी कमांडो सहित कुल 22 सुरक्षागार्ड तैनात होते हैं। इसमें दिल्ली पुलिस, आईटीबीपी या सीआरपीएफ के कमांडो व स्थानीय पुलिसकर्मी भी शामिल होते हैं।
जेड+ श्रेणी सुरक्षा
जेड+ कैटगरी की सुरक्षा देश की सबसे बड़ी सुरक्षा मानी जाती है। इसके तहत 36 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। इसमें एनएसजी, एसपीजी कमांडो, आईटीबीपी और सीआरपीएफ के जवान शामिल होते हैं। इस सुरक्षा में पहले घेरे की जिम्मेदारी एनएसजी और दूसरे घेरे का जिम्मा एसपीजी कमांडो के पास होता है। देश में 15 लोगों को जेड प्लस कैटगरी की सुरक्षा दी गई है।
एसपीजी सुरक्षा
31अक्तूबर 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में एसपीजी की स्थापना की गई थी। इस सुरक्षा को प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और उनके परिवार को देने का प्रावधान किया गया था। इस एक्ट में गांधी परिवार को आजीवन सुरक्षा का प्रावधान किया गया था। परंतु अभी हाल में ही इसमे बदलाव कर दिया गया। अब एसपीजी की सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री को मिलेगी यह सुरक्षा का सबसे ऊंचा स्तर होता है। इसमें तैनात कमांडो के पास अत्याधुनिक हथियार और संचार उपकरण होते हैं।