बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की खुदकुशी करने के बाद ये एक बार फिर समझ आया है कि किसी इंसान के दुनिया छोड़ने के बाद कितना कुछ छूट जाता है जिसे न वो इंसान ले जा सका न यहां पर रहकर पूरा अर सका। इनमें इंसान की इच्छाएं और वो सपने भी शामिल हैं जो वो खुद के लिए देखता तो है लेकिन अचानक आई मौत के कारण सारे सपने तहस-नहस हो जाते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी सुशांत सिंह राजपूत की भी है जिन्होंने अपने कई अपनी डायरी और कागजों में लिख रखे थे पर वो कभी उन्हें पूरा नहीं कर पाए।
शौकीन थे सुशांत
सुशांत सिंह राजपूत ट्रेन से पूरा यूरोप घूमना चाहते थे ये उनकी प्रमुख इच्छाओं में शामिल था। उन्हें ट्रें में सफर करना और यूरोप की खूबसूरती में खो जाना बेहद पसंद आता था। सुशांत अफ्रीकन और ब्राजीलियन मार्शल आर्ट कैपुएरा सीखना चाहते थे, जिसमें डांस, म्यूजिक और कलाबाजियां होती है। इसे यूनेस्को ने सांस्कृतिक विरासत का दर्जा भी दिया है। वो जीवन में एक बार अंटार्कटिका जाना चाहते थे। शतरंज के शौकीन सुशांत सिंह किसी एक चैंपियन के शतरंज खेलना चाहते थे यहीं नहीं वो अपने घर के पार्किंग लॉट में एक लैंबॉर्गिनी भी खड़ी करना चाहते थे ये उनके बड़े सपनों में शामिल था।
संगीत, क्रिकेट और संस्कृति से प्रेम
सुशांत को संगीत और क्रिकेट से खास लगाव था वो अपने जीवन में अपने 50 पसंदीदा गानों को गिटार कॉर्ड में सीखना चाहते थे। हम सबने देखा है कि सुशांत सिंह ने अपनी फ़िल्म ‘एम एस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी’ पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का किरदार कितना बखूबी निभाया लेकिन सुशांत सिंह राजपूत का एक सपना ये भी था कि वो बाएं हाथ से बल्लेबाजी करना चाहते थे। इसके अलावा वो दक्षिणी प्रशांत महासागर के क्षेत्र में आने 1000 द्वीपों में बसने वाले लोगों की पॉलीनेशियन भाषा व उनकी संस्कृति समझना चाहते थे। वो वैदिक ज्योतिष शास्त्र समझना चाहते थे।
खुशनुमा ख्वाहिशों के सुशांत
सुशांत की सारी ख्वाहिशें ऐसी थी जो दूसरों को भी खूबसूरत लगती हैं। वो दोनों हाथों से तीरंदाज़ करना चाहते थे। उन्हें इसका शौक था। बच्चों से उनका लगाव कई बार देखा गया है। वो बच्चों को डांस सिखाना चाहते थे। वो महिलाओं को सेलफ डिफेंस की ट्रेनिंग भी देना चाहते थे। सुशांत सिंह धधकते ज्वालामुखी की करीब से फोटो लेना चाहते थे जो कि काफी थ्रिल से भरा ख्वाब है। एक तरफ जहां उन्हें थ्रिलर अंदाज पसंद था, तो वहीं दूसरी ओर उनमें खेती की रुचि थी वो एक बार खेती भी करना चाहते थे।
एक बेहतरीन इंसान के ख्वाब
सुशांत सिंह राजपूत लोगों की मदद करने में आगे रहते थे। उनकी इच्छाओं में भी उनकी बेहतरीन इंसानियत की छवि दिखती है। दरअसल वो बच्चों को मुफ्त शिक्षा देना चाहते थे उन्हें पढ़ाई में आगे बढ़ने को प्रोत्साहित करना चाहते थे। वो सौ बच्चों को इसरो या नासा भेजना चाहते थे। अभिनेता होने के नाते वो स्वामी विवेकानंद पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाना चाहते थे। वो अंधे लोगों को कोडिंग यानी कंप्यूटर से जुड़ी शिक्षा दिलाना चाहते थे उन्हें डिजिटल रूप से मजबूत करना चाहते थे। बच्चों को स्पेस साइंस की जानकारी देना और पढ़ाना भी उनका एक ऐसा सपना था जो अधूरा रह गया।
पढ़ाई और फिजिक्स का शौक
सुशांत को पढ़ने का विशेष शौक था वो आज के दौर में तेजी से आगे बढ रही तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मशीनों में काम करना चाहते थे उन्हें करीब से समझना और काम करना उन्हें पसंद था। इसके अलावा वो रेसनिक-हैलिडे की फिजिक्स की पूरी किताब पढ़ना चाहते थे। सुशांत जंगल का जीवन भी जीना चाहते थे इसलिए वो एक हफ्ते तक किसी भी जंगल में रहने की इच्छा रखते थे। सुशांत LIGO यानी लेज़र इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्ज़र्वेट्री में जाना चाहते थे जो कि फिजिक्स की लैब से संबंधित है।
फिटनेस का रखते थे ख्याल
सुशांत सिंह छह हफ्ते में सिक्स पैक एब्स बनाकर बॉडीबिल्डिंग करना चाहते थे। वो अपनी पहली किताब लिखने के साथ ही किसी एक चैंपियन के साथ पोकर खेलना चाहते थे। वो जीवन में एक बार हवाई जहाज भी उड़ाना चाहते थे। ये उनके सबसे बड़े सपनों में शामिल था कि वो पायलट बनना चाहते थे। वो बोइंग-737 उड़ाना चाहते थे। वो बिंदु और डैश वाली मोर्स कोड की भाषा भी सीखना चाहते थे किसी चैंपियन के साथ टेनिस खेलना चाहते थे।
ये वो अहम और बड़े सपने थे जिन्हें सुशांत सिंह राजपूत अपना जीवन खत्म होने से पहले पूरा करना चाहते थे। लेकिन डिप्रेशन की आग ने उन्हें इस कदर झुलसा कर रख दिया कि उन्हें ये बड़ा कदम उठना पड़ा
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