नई दिल्ली- टीम इंडिया के ओपनर बल्लेबाज रोहित शर्मा कितने प्रतिभाशाली हैं ये शायद ही कहने की जरूरत है। ये रोहित की प्रतिभा ही थी जिसके दम पर उन्होंने उस मुकाम को हासिल किया जिसे पाना हर किसी के बस की बात नहीं होती। एक दौर था जब रोहित शर्मा के चाचा और दोस्तों ने 50-50 रुपये एकत्र कर उनका दाखिला एक छोटी सी अकादमी में करवा दिया था। उसके बाद क्रिकेट के कोच दिनेश लाड की नजर उन पर पड़ी फिर उन्होंने रोहित दखिला अपने स्कूल स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल में करवा दिया। इसके बाद रोहित ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।
रोहित शर्मा के बचपन के कोच दिनेश लाड ने बताया कि रोहित आज को कुछ भी हैं वो उन्हें आसानी से हासिल नहीं हुआ। उन्होंने ये सबकुछ अपनी कड़ी मेहनत और प्रतिभा के दम पर हासिल किया। उन्होंने कहा कि लेकिन अगर एक गरीब लड़के में प्रतिभा है तो वो आसमान छू सकता है और इसके सबसे बड़े उदाहरण रोहित शर्मा हैं। लाड ने ये सारी बातें मराठी क्रिकेट चैट शो ‘कॉफी क्रिकेट अनी बरेच कही’ में बताई।
जब रोहित के पास नहीं थे फीस भरने के पैसे
दिनेश लाड ने रोहित को पहली बार देखने का किस्सा भी बताया। उन्होंने कहा, बोरिवली में एक शिविर आयोजित हुआ था और कुछ मैच कराये गये थे। मैंने अपने स्कूल की टीम को उसमें खिलाया था। मेरी और रोहित की टीम फाइनल में पहुंची थी, हम उस मैच को जीते थे।
उन्होंने कहा, मैं प्रतिभाशाली बच्चों की खोज में रहता था, जिस तरह से रोहित ने गेंदबाजी की थी, मैं काफी प्रभावित हुआ था। मैंने उनकी प्रतिभा का पहचाना और उनका दखिला अपने स्कूल स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल में करवा दिया।
स्कूल महंगा था और उनके पास फीस देने के पैसे नहीं थे। मैंने स्कूल के डायरेक्टर से रोहित की फीस भी कम करने का आग्रह किया था फिर मेरे कहने पर रोहित को हमारे स्कूल में फ्री में एडमिशन मिला था। कोच ने अगले चार साल तक रोहित के लिए स्कॉलरशिप का इंतजाम करा दिया।
इसके बाद रोहित ने पीछे मड़कर नहीं देखा। रोहित शर्मा के बचपन के कोच दिनेश लाड को पूरी उम्मीद है कि 2023 में घरेलू सरजमीं पर होने वाले 50 ओवरों के वर्ल्ड कप में उनका शिष्य दमदार प्रदर्शन करेगा। पिछले साल वर्ल्ड कप में रोहित ने 5 शतक जमाए, लेकिन टीम सेमीफाइनल में हार गई थी।