नई दिल्ली: चीन के खिलाफ भारतीय सरकार आर्थिक मोर्चे पर बिल्कुल फ्रंट फुट पर आ गई है। भारतीय सरकार के निशाने पर सबसे ज्यादा चाइनीज ऐप्स और इनके खिलाफ भारत सरकार लगातार कार्रवाई कर रही है इसी बीच केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए 47 चाइनीज एप्स को बैन कर दिया। मोदी सरकार द्वारा चीन के खिलाफ लिया गया यह दूसरा बड़ा फैसला है।
गेमिंग ऐप्स पर गिरेगी गाज
सरकार की तरफ से अभी इस मामले में लिस्ट नहीं जारी की गई है लेकिन सरकार ने यह जरूर कह कर लिया है क्यों नहीं कि सबको बैन करना है जल्द ही सरकार इसकी लिस्ट भी जारी करेगी। जानकारों के मुताबिक सरकार के इस दूसरे फैसले में गेमिंग चाइनीज ऐप्स पर सरकार का ध्यान अधिक केंद्रित है, सूत्रों के मुताबिक यह सभी गेम्स भारत में बेहद पॉपुलर माने जाते हैं।
बैन हो सकते हैं पॉपुलर गेम
आशंका जताई जा रही है कि सरकार द्वारा 47 चाइनीज ऐप्स के बैन होने में सबसे बड़ी संख्या पॉपुलर मोबाइल गेम्स की होगी खबरें हैं गेम्स के माध्यम से यूजर्स का सबसे अधिक डाटा चोरी करते हैं जिसमें बैंक अकाउंट की डिटेल तक खतरे में आ जाती है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा 200 से ज्यादा चाइनीज ऐप्स की लिस्ट बनाई जा रही है जो कि सुरक्षा की दृष्टि से बेहद खतरनाक है। इन चाइनीस ऐप्स में पब्जी और अली एक्सप्रेस जैसे एप्स भी शामिल हैं।
पहले भी हुए बैन
गौरतलब है कि भारत सरकार पहले भारत-चीन विवाद के बाद बड़ा फैसला लेते हुए सुरक्षा की दृष्टि से 59 चाइनीस ऐप्स को भारत में पूरी तरह बन कर चुकी है जिनमें टिक टॉक वीचैट यूसी ब्राउजर यूसी न्यूज़ बैटरी सेवर जैसी तमाम चाइनीज ऐप्स शामिल हैं जो जो एक मालवीय के रूप में यूजर का डाटा चोरी करती है जिससे भविष्य में उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है।
आर्थिक मोर्चे पर कार्रवाई
जब से लद्दाख में भारत-चीन विवाद गर्माया है तबसे भारत की तरफ से लगातार चीन को आर्थिक मोर्चे पर भारत सरकार सबक सिखा रही है। जिनमें चाइनीस कंपनियों के टेंडर बैन करना, सभी चाइनीज कॉन्ट्रैक्ट रद्द करना, वहीं आत्मनिर्भर भारत जैसी मुहिम शुरू करना जिससे लोकल सामान को अधिक प्रोत्साहन मिले, चाइनीज एप्स को बैन करना सुरक्षा की दृष्टि से जहां एक बेहतर कदम है तो वहीं आर्थिक मोर्चे पर यह चीन को एक झटका दे रहा है।