पिछले कुछ समय से खिलाड़ियों द्वारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से अचानक संन्यास लेने का प्रचलन शुरु हुआ है. हाल ही में साउथ अफ्रीका बल्लेबाज क्विटंन डी कॉक (quinton de kock) और श्रीलंका के भानुका राजापक्षे (Bhanuka Rajapaksa) इसके उदाहरण हैं. खिलाड़ियों द्वारा अचानक संन्यास लेने से क्रिकेट बोर्ड को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिससे निपटने के लिए अब Sri Lanka Cricket Board ने तीन नए नियम लागू किए है.
भानुका राजापक्षे ने लिया था संन्यास
दरअसल कुछ दिनों पहले ही महज 5 वनडे खेलने वाले श्रीलंकाई बल्लेबाज भानुका राजापक्षे (Bhanuka Rajapaksa) ने सभी को चौकाते हुए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था. भानुका राजापक्षे (Bhanuka Rajapaksa) की उम्र अभी मजह 30 थी. इसके साथ ही वह अच्छे फॉर्म में भी थे. लेकिन उनके अचानक संन्यास लेने से हर कोई हैरान था. राजापक्षे ने महज 5 वनडे और 18 टी 20 मैच खेले थे. जिसमें उन्होंने कुल 406 रन बनाए थे.
श्रीलंका बोर्ड द्वारा लागू 3 नए नियम
खिलाड़ियों द्वारा अचानक संन्यास लेने को ध्यान में रखते हुए Sri Lanka Cricket Board ने तत्काल रुप से 3 नए और कड़े नियम लागू किए हैं. जिसका सभी खिलाड़ीयों को पालन करना होगा. अब संन्यास लेने से पहले खिलाड़ियों को इन 3 नियमों पर विचार करना होगा. जिसके बाद ही वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का ऐलान कर सकते हैं.
श्रीलंका क्रिकेट द्वारा बनाये गए 3 नए नियम
1 – हर खिलाड़ी को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने से पहले बोर्ड को 3 महीने पहले इसकी जानकारी देनी होगी.
2 – यदि संन्यास के बाद किसी खिलाड़ी को विदेशों में हो रहे क्रिकेट लीग में खेलना है तो, ऐसे में उस खिलाड़ी को बोर्ड से अनापत्ती प्रमाण पत्र लेना होगा. जो संन्यास लेने के 6 महीने के बाद ही दिया जाएगा.
3- इसके साथ ही सेवानिवृत्त राष्ट्रीय खिलाड़ियों को लंका प्रीमियर लीग में हिस्सा लेने के लिए तभी योग्य माना जाएगा. जब वे घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिताओं में 80 प्रतिशत मैच खेले हों.